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Showing posts from August, 2021

आ जाओ मन मोहन प्यारे

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 आ जाओ मन मोहन प्यारे आ जाओ मन मोहन प्यारे। बाट जोहते नयन हमारे। ब्रज की भूमि करती क्रंदन। दानवता का हो रहा नर्तन। धर्म ,प्रेम की नाव डूब गई, मानवता का हो रहा मर्दन। तुम बिन कौन धराएं  धीर, मात्र तुम ही हो एक सहारे। आ जाओ मन मोहन प्यारे। डोल रहा सत्य का आसन। जंघा खोलें बैठा दुर्योधन। दिनदहाड़े लूट रही द्रोपदी, चीर खींचता नित दुशासन। शपथ तुम्हें है कच्चे सूत की, आ जाओ अब तारण हारे। आ जाओ मन मोहन प्यारे। नर पशुता से सब गइया रोए। धरती मां भी पाप को ढोए। मानव उर है घट एक  विष का, इसमें कौन प्रेम को बोए। रोप दो अंकुर प्रेम का आकर, हम सब इस कटुता से हारे। आ जाओ मन मोहन प्यारे। मित्र मित्र से घात लगाए। मांतू पिता भी स्वार्थ सजाएं। रक्षक भक्षक बन कर घूमे, कौन भला अब मार्ग दिखाएं। एक नया सूरज बन आओ, तुम्हें जगत का तमस पुकारे। आ जाओ मन मोहन प्यारे। कामिनी मिश्रा बीघापुर उन्नाव उत्तर प्रदेश 9695242037

शीर्षक - आओ कुछ ऐसा करें

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 शीर्षक - आओ कुछ ऐसा करें खुशियों की फुहार है  जीवन जैसे त्योहार है पल -पल जीने की है ख्वाहिश  अपने ही रंग में रंगने की हाँ करलें आजमाईश।  शान्ति हो फैली चारों ओर  जुंबा न बोलो कड़वे बोल।  हो आपस में भाईचारा  न ले कोई एक दूसरे से किनारा।  माँ के आँचल को न कोई सुना कर पाए पिता की छत्रछाया न किसी के ऊपर से जाए।  रक्त रंजित न हो ये दुनिया अमन  चैन के गीत पंछी गुनगुनाए। गुरु के चरणों की धूल को माथे पर हर शिष्य लगाए।  सभ्यता, संस्कार और मानवता आने वाली पीढ़ी को हम दे जाएँ। हर बच्चे में हों ऐसे गुण  देश का मान न हो अक्षुण्ण।  लौटाना है हमें राम राज  हाँ, करने हैं हमें कुछ ऐसे काज।। डॉ जानकी झा सहायक प्राध्यापिका, कवयित्री कटक, ओडिशा 9438477979

कृष्ण कन्हैया

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 कृष्ण कन्हैया किस रूप का वर्णन करूं तेरे तेरा तो हर रूप अनूप। पंकज पग रुनझुन पैजनिया कटि बीच शोभे करधनिया। कोमल हस्त ते वेणु शोभे मन्द मुस्कान मन मोहे। मोर मुकुट घुंघराले लट चूमत चंचल दृग पट। करूं न्योछावर तिहू लोक इस मनभावन छवि पर। माखन मिश्री तोहे भावे यमुना तीर तू चीर चुरावे। मार कंकरिया फोरे गागर तेरी कृपा से तरे जन भवसागर। जग को दे नव रीत ज्ञान किया सखा का ऐसा सम्मान। लाज बचाई द्रुपद-सुता की रण में दिया पार्थ को ज्ञान। कृष्ण-कन्हैया मोहन, श्याम मुरली वाले तेरे हजारों नाम। स्वरचित v सर्वाधिकार सुरक्षित शालिनी सिंह गौरी बाजार देवरिया 7570856450

🙏"त्राहिमाम्"🙏

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 🙏"त्राहिमाम्"🙏 हे गिरिधर कृष्ण मुरारी आओ, अब  मानवता  त्राहिमाम्  करे। वसुधा रो रही विकल व्याकुल, कौन  जगपालक  प्रमाण  धरे।। जग  व्याकुल है,  नर है  व्याकुल, यमुना व्याकुल, वृंदावन व्याकुल, व्याकुल  धरती, व्याकुल  अम्बर, व्याकुल चेतना, व्याकुल दिगम्बर, कंस का अंश  बढ़ रहा धरती पर, कौन  अब  वध  करे, संहार  करे, हे गिरिधर कृष्ण मुरारी आओ, अब  मानवता  त्राहिमाम्  करे। वसुधा रो रही विकल व्याकुल, कौन  जगपालक  प्रमाण  धरे।। राधा  मौन है  मौन  है  गोकुल, अब प्रभात भी दिखता गोधुल, नन्द  मौन  है, है  मौन  यशोदा, प्राणवायु   को   तरसे   वसुधा, पूतना का  विष फैला  सृष्टि में, कौन गरल  का स्तन  पान करे, हे गिरिधर कृष्ण मुरारी आओ, अब  मानवता  त्राहिमाम्  करे। वसुधा रो रही विकल व्याकुल, कौन  जगपालक  प्रमाण  धरे।। दुःख है क्षोभ है और तृष्णा है, नहीं दिखता तो बस कृष्णा है, प्रचण्ड  पाप है  दुर्बल  मानव, अट्टहास  करता  यहां  दानव, हर गोपी  यहां  रुदन  ठानती, हर  एक बाला  चीत्कार  करे, हे गिरिधर कृष्ण मुरारी आओ, अब  मानवता  त्राहिमाम्  करे। वसुधा रो रही विकल व्याकुल, कौन  जगपालक  प्रमाण  धरे

शीर्षक त्यौहार

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 शीर्षक त्यौहार रिश्तो का ये त्यौहार लाता खुशियाँ अपार                    हर त्यौहार में एक नई मिठास  जहाँ पराये भी हो जाते अपने जहाँ गिले-शिकवे भी हो जाते दूर, सबको एक कर एकता सूत्र में बांध जाता यह रिश्तो का त्यौहार ।                          प्रदेश में बैठे भैय्या को ना कभी याद आई यह त्यौहार ही हैं जो सबको पास बुलाई ।        रूखी सूखी रोटी खाकर निकलते सब रोजमर्रा के काम में ये त्यौहार ही तो है जो मीठे-मीठे पकवानों की याद दिलावाई ।                             मीठी-मीठी गुजिया, मठरी,दही के बड़ो से होती है   दिन की शुरूआत ।                  अरे त्यौहार ही तो है बच्चे, बूढ़े, जहाँ होते सब एक साथ।  कितने दिनों, महीनों से घर की चीजों में अस्त व्यसत रहती हमारी घर की महिलाऐं ।           कहाँ कभी अपनें ऊपर ये ध्यान दे पाती है ।                       एक त्यौहार ही तो है जब हमारी घर की महिलाऐं व्यसत रहने के साथ-साथ अपने ऊपर भी ध्यान दे पातीं है।        माँ, बहन,दादी, बहन,चाची, पत्नियां भी खूब सजती संवरती, निखरती है,इठलाती हैं, बलखाती हैं हंसती हैं  मुस्कुराती है, एक त्यौहार ही तो है जो उनका मा

रक्षाबंधन पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय कवि सम्मेलन सम्पन्न

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 रक्षाबंधन पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय कवि सम्मेलन सम्पन्न  --------------- संवाद सूत्र-देवरिया(डा0पंकज-प्राणेश)- साहित्य शक्ति संस्थान के बैनर तले रक्षावंधन पर्व पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कवि सम्मेलन दिनांक 26-08-2021 और दिनांक 27-08-2021 को सम्पन्न हुआ।यह कार्यक्रम अनलाइन गूगल मीट पर आयोजित था।इस कार्यक्रम मे पूरे भारत से लगभग चालीस रचनाकारो ने काव्यपाठ किया।दोनो ही दिन कार्यक्रम शाम चार बजे से प्रारम्भ होकर देर रात लगभग आठ बजे तक चला।गूगल मीट पर चलने वाले इस कार्यक्रम की सराहना स्रोताओ और कवियो ने खूब की।कार्यक्रम का शुभारंभ औरंगाबाद की शिक्षिका व कवयित्री डा0 क्षमा शुक्ला जी ने सुमधुर स्वर मे वाणी वंदना करते हुए " हृदय तल को पावन पुनीत निर्मल कर दो,निज लेखनी में रंग अंब अटल भर दो" सुनाकर कार्यक्रम को गति प्रदान की।अनूपपुर मध्य प्रदेश की वरिष्ठ कवयित्री रजनी उपाध्याय ने अपने मधुर स्वर मे अभिनंदन गीत पढ़कर सभी स्रोताओ को मंत्रमुग्ध कर दी।कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि भाषा शिक्षण व प्रशिक्षण संस्थान कटक-ओडिसा के अध्यक्ष प्रोफेसर सत्यनारायण पांडा ने अपने उद्बोधन में कहा कि साहित्

*डीआईजी ने सुनीं लोगों की समस्याएं*

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 *डीआईजी ने सुनीं लोगों की समस्याएं*  मीरजापुर। समाधान दिवस के शनिवार को अवसर पर कोतवाली कटरा व कोतवाली शहर में डीआईजी ने लोगों की समस्याओं को सुना और निर्देश दिया की गुणवत्ता के आधार पर जल्द से जल्द लोगों के मामलों का निस्तारण करें। कोतवाली कटरा में समस्याओं को सुनकर जैसे ही डीआईजी अपनी कुर्सी से उठे वैसे ही एक वृद्ध ने अपनी फरियाद लेकर उनके पास आ गया उसकी समस्याओं को देखते हुए डीआईजी ने खड़े खड़े उसकी समस्या को सुना। और कोतवाली कटरा प्रभारी को निर्देश देते हुए वृद्ध की समस्या का निदान करने को कहा। *सुशील चौधरी*

*अपने पैतृक गांव जायेंगे साहित्यकार अंकुर*

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 *अपने पैतृक गांव जायेंगे साहित्यकार अंकुर*           डोभी ब्लाक जौनपुर जिले के मूल निवासी युवा साहित्यकार अंकुर सिंह मैहर आने के बाद पहले बार अपने पैतृक गांव हरदासीपुर को जाएंगे। इस संदर्भ में बात किए जाने पर साहित्यकार अंकुर सिंह ने पुष्टि की की कुछ व्यक्तिगत पारिवारिक कारणों और जन्माष्टमी पर्व पर उपलक्ष्य में अगस्त माह के 30 तारीख से लगभग एक वर्ष बाद दो दिवस अपने गांव में निवास करूंगा और परिवार के संग 9 वर्ष बाद जन्माष्टमी का पर्व अपने गांव में मनाऊंगा। फिर हर बार की तरह बाबा काशी विश्वनाथ और काल भैरव के दरबार में माथा टेक विश्व कल्याण की कामना कर मंगलवार की रात्रि वाराणसी से अपने कर्म भूमि मैहर को वापस आ जाऊंगा।

*"छत्तीसगढ़ विशेषांक पत्रिका विमोचन एवं काव्य पाठ"*

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 *"छत्तीसगढ़ विशेषांक पत्रिका विमोचन एवं काव्य पाठ"* सामयिक परिवेश छत्तीसगढ़ अध्याय के तत्वावधान में "छत्तीसगढ़ विशेषांक पत्रिका विमोचन समारोह एवं काव्य पाठ" जो कि ऑडियो वीडियो आधारित था पटल पर दिनांक 26-08-2021 को शाम 5:00 बजे से ऑनलाइन आयोजित की गई। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में आ. आशा मेहर "किरण" जी ने शिरकत की। सभाअध्यक्ष आ. अंजनी कुमार सुधाकर जी थे। सम्माननीय अतिथियों में आदरणीय एम. एल. नत्थानी जी, आ. प्रभात कुमार शर्मा जी, आ. पूर्णिमा तिवारी जी, आ. धनेश्वर देवांगन जी, आ.हरीश पटेल 'हर'जी एवं आ. डॉ विनय सिंह जी उपस्थित थे।  राष्ट्रीय संचालक मंडल व संचालन समिति के पदाधिकारियों में प्रधान संपादक/ अध्यक्ष- आ. ममता मेहरोत्रा जी, संपादक/ संयोजक - आ. संजीव कुमार मुकेश जी,  सह संपादक सहराष्ट्रीय सलाहकार आदरणीय श्याम कुंवर भारती जी, उपसंपादक - आ. द्रौपदी साहू जी, प्रभारी उप संपादक आ. वर्षा तिवारी जी, राज्य प्रभारी आ.सरोज साव कमल जी, उप राज्य प्रभारी आ. लक्ष्मी करियारे जी, राज्य सलाहकार आ. तीजन सिन्हा जी,तकनीकी सलाहकार आ.अमित टंडन जी एवं पटल न

*नई दिल्ली-एम वी फाउंडेशन दिल्ली ( रजि०)*मातृका विवेक स्वराष्ट्र गौरवम*के द्वारा मनाया जा रहा है*

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 *नई दिल्ली-एम वी फाउंडेशन दिल्ली ( रजि०)*मातृका विवेक स्वराष्ट्र गौरवम*के द्वारा मनाया जा रहा है* *भव्य संस्कृत सप्ताह दिवस* *रघुवंशम्: विस्तृत परिचर्चा* *महाकवि कालिदास विरचितं (१से१९ सर्ग)*तक विद्वान विदुषियों द्वारा परिचर्चा*सभी श्रोताओं को सादर आमंत्रण* *19 /8/ 2021 से लेकर 25/ 8/ 2021 तक निरंतर यह आयोजन किया गया* *प्रथम दिवस-प्रथम सत्र में सभी*  *मुख्य अतिथि विशिष्ट अतिथि एवं अति विशिष्ट अतिथि सभी आमंत्रित वक्ता  का परिचय एवं*शंख नाद से प्रारंभ *गणेश वंदना सरस्वती वंदना साथ * उपस्थित सभी वक्ता ने अपने अपने* *विचार व्यक्त किए* *संस्कृत सप्ताह में उपस्थित सभी* *विद्वान विदुषियों ने अपने विचार व्यक्त* *किए और बहुत ही हर्ष के साथ* *कार्यक्रम का प्रारंभ किया गया*सभी  बहुत ही प्रसन्नता का अनुभव कर रहे हैं* *इक्ष्वाकु वंश के राजा रघु की अतुल गौरव गाथा का बखान एम वी फाउंडेशन मंच  पर  विद्वान विदुषियों द्वारा परिचर्चा* *रघुवंशम्: विस्तृत परिचर्चा* *भाग १(१-६ सर्ग )* *भाग २(७-१२ सर्ग)* *भाग ३(१३-१९) सर्ग* *नई दिल्ली -एम वी फाउंडेशन रजि०*मातृका विवेक स्वराष्ट्र गौरवम की ओर से महाकवि कालिदास

वचन

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  वचन ••••••• वचनों की लीला बड़ी पुरानी। इसने रची हैं असंख्य कहानी । इसके गौरव को बचाने में, जाने कितनों ने दी है कुर्बानी । रानी कैकयी को दिए वचन । राम को मिला वन का गमन । राजा दशरथ ने प्राण गवाएँ, रामायण का हुआ महासृजन । भीष्म पितामह का दृढ़ वचन । महाभारत युद्ध का मूल कारण । शकुनि मामा की कुटिल चाल, पांडवों का संघर्ष में कटा जीवन । वचनों से भरा पड़ा इतिहास । गंभीर विषय बन गए परिहास । कितनी आहुतियां चढ़ गई,  नहीं है मन को सहज विश्वास । सैनिक जो सीमा पर है जाता  । मातृभूमि रक्षा में प्राण गंवाता । एक वचन की लाज रखने में, अपने जीवन की बलि चढ़ाता ।।  स्वरचित तथा मौलिक रचना  सीमा वर्णिका  कानपुर ,उत्तर प्रदेश

कविता ॥ बारूद की ढ़ेर पर संसार ॥

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 कविता ॥ बारूद की ढ़ेर पर संसार ॥ रचना ॥ उदय किशोर साह ॥ मो० पो० जयपुर जिला बाँका बिहार बारूद की ढ़ेर पर बैठा है यह जग किसी को नहीं इस बात की है परवाह घूम रहा है सर पर मौत का पहिया क्यों है मौत का सब को इन्तजार चल रहा है संघर्ष निरन्तर जग में एक दूजे को मार कर भगाने की मानव बम बना मानव का दुश्मन शांति अमन को जग से भगाने की कौन समझाये जग बना मूरख सीमा की पैमाना बढ़ाने की खतरा दौड़ रहा है जग में विघ्वंश की तांडव मचाने की बारूद नहीं है किसी का दुश्मन समझाओ इनको अय उपर वाला जब गुस्सा आयेगा बारूद को फोड़ डालेगा सबका   माथा गुब्बारे की तरह फूट जायेगा कुछ ना संसार में रह जायेगा तेरी हिरफतबाजी में प्यारे तब जीव जन्तु भी गिर मर जायेगा फिर क्यूँ मौन है जग वालों तुम बारूद से अब परहेज करो बम बारूद को दफन कर देना जग को बचाने का प्रयास करो उदय किशोर साह मो० पो० जयपुर जिला बाँका बिहार 9546115088

सादर प्रणाम आदरणीय।यह रचना मेरी मौलिक और अप्रकाशित है।इसे प्रकाशित करने की कृपा करें।

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 सादर प्रणाम आदरणीय।यह रचना मेरी मौलिक और अप्रकाशित है।इसे प्रकाशित करने की कृपा करें। शीर्षक-पावन रक्षा बंधन पावन पूज्य प्रेम पर्व है बहना के संबल का गर्व है, ये अटूट कोमल सा धागा सब संबंधों से ऊपर है। इस धरती की दो ही खेती इक ऊसर दूजी है रेती, एक हृदय के टुकड़े दोनों एक बेटा दूजी है बेटी। एक माँ की परछाई दोनों प्रेम की सरस लड़ाई दोनों, एक दूजे की लौह ढाल बन हँसी में छिपी रुलाई दोनों। माँ का अमिट रूप बहना है पिता का गौरव वंश है भाई, दो आँगन की बगिया महके दोनों के जीवन की कमाई। फले मायका तुझसे मेरा  भाभी का श्रृंगार है तू ही, शुभ रस्मो की अमरबेल तू अंत समय तक प्रथम बटोही। मेरी शुभ मंदिर उत्सव का प्रथम निमंत्रण,प्रथम शगुन है, बंधु-बांधवों की टोली में तेरा आगमन मेरा सर्व है। श्रावण चंद्र की पूर्ण कला पर करूँ तिलक तेरी आरती वारुँ अजर अमर बन रहे सलामत करूँ टोटके नजर उतारूँ। रेशम की डोरी में बंध कर रक्षा का मेरी वचन भरे तू, धानी धरा पर धनक हो तेरी सूर्य चंद्र का दीप सवाँरूँ।  महिमा तिवारी प्रा0वि0-पोखर भिंडा नवीन,  रामपुर कारखाना,देवरिया-उत्तर प्रदेश

लेख जीवन बनाएं : सीखें सिखाएं

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 लेख जीवन बनाएं : सीखें सिखाएं ***********************      ये हमारा सौभाग्य और ईश्वर की अनुकंपा ही है कि हमें मानव जीवन मिला, तो ऐसे में हम सभी की ये जिम्मेदारी है कि हम इस चार दिन के लिए नश्वर शरीर का घमंड न करें बल्कि इस जीवन की सार्थकता सिद्ध करने का प्रयास करें, इसके लिए हमें अधिक कुछ नहीं करना है,बल्कि सिर्फ़ अपना ही नहीं औरों के भी जीवन को बनाने का प्रयास करना चाहिए है।    अब तक के विभिन्न आयामों से गुजरते हुए जो कुछ भी हमनें सीखा, अनुभव किया, उसे अपने छोटों, कम जानकार और कम अनुभवी लोगों में बाँटना है, उन्हें सिखाना है, दिशा देना है। साथ ही हमें अपने से अनुभवी, ज्ञानी और वरिष्ठों से ग्रहण भी करना है। इस सतत प्रक्रिया को विकसित करना भी है।     लेना और देना यह स्वाभाविक किंतु अनिवार्य प्रक्रिया है,सही मायनों में इसके बिना भला जीवन कहाँ चल सकता है।अतः न ही सिर्फ देना सीखिए बल्कि संकोच और अहम छोड़कर लेना भी सीखिए।  जीवन को बनाना है तो सीखने सिखाने की मनोवृत्ति का विकास , नये आयाम तक ले जाने का प्रयास कीजिये और जीवन की सार्थकता सिद्ध करने की लगातार कोशिश कीजिए।     जो भी आपके पास है उस

गभ्रवती होने के मौसम मे बदलते रहने के करण नौसम मे सुधार होता है। रिपोर्ट शैलेन्द्र कुमार चौहान

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 गभ्रवती होने के मौसम मे बदलते रहने के करण नौसम मे सुधार होता है। घर में कोरहम पुलिस ने मूड मे बिस्तर में डालने के लिए सुबेड बरहल थाना नगर ज्ञेत्र के रोडपुर की घटना मे। मैनपुरी ब्रेकिंग संदिग्ध परिस्थितियों मे युवक का पेडं पर लटकता मिला सब ज्ञेत्र मे फैली सनसनी आथ्रिक  तंगी के चलते कई दिनों से घर मे चल रहा था ग्रह क्लेश देर रात परिजनों से नाराज होकर घर से निकला था युवक म्रतक के परिजनों का रोरो कर बुरा हाल घर में मचा कोहराम पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमाट्रम के लिए भेजा बरनाहल थाना नगर ज्ञेत्र के डालूपुर रोड की घटना ।

आज ग्राम दौलताबाद में माननीय मान सिहँ गोस्वामी जी (क्षेत्रिय उपाध्यक्ष), भूपेन्द्र वावी जी( जिला महामंत्री), सुरेन्द्र सिहँ प्रजापती (जिला मंत्री), मण्डल अध्यक्ष श्री सुरेश चन्द जी, माननीय श्री डॉ विनित देवरा जी, श्री देशबंधु जी (पूर्व व्लाॅक प्रमुख प्रतिनिधि), बहन मोनिका यादव (जिलाध्यक्ष महिला मोर्चा), जी के साथ रहने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।

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 आज ग्राम दौलताबाद में माननीय मान सिहँ गोस्वामी जी (क्षेत्रिय उपाध्यक्ष), भूपेन्द्र वावी जी( जिला महामंत्री), सुरेन्द्र सिहँ  प्रजापती (जिला मंत्री), मण्डल अध्यक्ष श्री सुरेश चन्द जी, माननीय  श्री डॉ विनित देवरा  जी, श्री देशबंधु जी (पूर्व व्लाॅक प्रमुख प्रतिनिधि), बहन मोनिका यादव (जिलाध्यक्ष महिला मोर्चा), जी के साथ रहने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। विषय- कोविड तृतीय स्टेज महामारी को सुचारु रुप से रोकथाम करने के संबंध में( स्वास्थ्य स्वयंसेवक अभियान कार्य शाला सहसपुर मण्डल)। रिपोर्ट शुभम कुमार सुगम प्रहरी संवाददाता की ।

*तुझसे इश्क इजहार करेंगे*

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 *तुझसे इश्क इजहार करेंगे* मिलन प्रिये जब तुमसे होगा, दिल की हम तुम बात करेंगे। नयनों से हम नयन मिलाकर, तुझसे इश्क इजहार करेंगे।। इक दूजे का हाथ थाम हम, अपनी दिल की बात करेंगे। अपने दिलों के तरंग मिला, तुझसे इश्क इजहार करेंगे।। बाहों  में  बाहें  डाले  हम, प्रेम मिलन की बात करेंगे। इक  दूजे  को ले  बाहों  में, अपना इश्क इजहार करेंगे।। खत्म होगी लम्बी प्रतिक्षा, दिल में तेरे निवास करेंगे। सांसों में  बसाकर  तुमको, तुझसे इश्क इजहार करेंगे।। कुछ अरमां और सपने सजा, तुझसे  दिल  की  बता  करेंगे। सुनो  तुम  या  करो  अनुसुना, हम  दिल  का  इजहार  करेंगे।। दो कदम सात चलते चलते, प्रेम  संग  तकरार  करेंगे। बना  ले  तुझे  कोई  अपना, इसके  पहले  इजहार करेंगे।।   *अंकुर सिंह* हरदासीपुर, चंदवक  जौनपुर, उ. प्र. -222129. मोबाइल - 8367782654. व्हाट्सअप - 8792257267.

कलेक्ट्रेट कर्मचारी के असामयिक निधन पर जिलाधिकारी ने व्यक्त की शोक संवेदना

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 कलेक्ट्रेट कर्मचारी के असामयिक निधन पर जिलाधिकारी ने व्यक्त की शोक संवेदना मीरजापुर, आज बुधवार को  कलेक्ट्रेट के नायाब नाजिर पर कार्यरत कर्मचारी बयालीस वर्षीय अनिल गौतम का निधन हो गया उनके  असामयिक निधन पर आज कलेक्टे्ट में जिलाधिकारी  प्रवीण कुमार लक्षकार द्वारा शोकसभा आयोजित कर शोक संवेदाना व्यकत की गयी तथा शोकाकुल परिवार को इस असहनीय समय में दुख के सहनशक्ति के लिये ईश्वर से प्रार्थना की गयी। नायाब नाजिर अनिल गौतम विगत कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे जिनका  आज बुधवार को प्रातः काल निधन हो गया। उनके निधन पर कलेक्ट्रेट कर्मचारियों के द्वारा कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी  की अध्यक्षता में शोकसभा आयोजित कर दो मिनट मौन रखकर मृतक  आत्मा को शांति प्रदान के लिये इश्वर से प्रार्थना की गयी। तदुपरान्त कलेक्ट्रेट में अवकाश कर दिया गया। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी यू0पी0 सिंह, मुख्य राजस्व् अधिकारी हरिशंकर यादव, अपर जिलाधिकारी नमामि गंगे  अमरेन्द्र कुमार वर्मा, प्रशासनिक अधिकारी कलेक्ट्रेट प्रदीप श्रीवास्तव, जे0ए0 बाबू, नाजिर रामरति, राजीव जायसवाल, रमेश सोनकर, हौसिला प्रसाद, के अलावा अन्य सभी कलेक्

तीन अवैध शराब तस्करों की सम्पत्ति कुर्क

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 तीन अवैध शराब तस्करों की सम्पत्ति कुर्क मीरजापुर । देहात कोतवाली क्षेत्र में अवैध शराब तस्करों द्वारा अवैध रूप से अर्जित की गई ₹ 31 लाख की अवैध सम्पत्ति गैगेस्टर अधि0 की धारा 14(1) के अन्तर्गत की गई कुर्क प्राप्त जानकारी के अनुसार आज बुधवार को अवैध शराब तस्करों के विरूद्ध प्रभारी निरीक्षक  के रिपोर्ट पर पुलिस अधीक्षक  के अनुमोदन के उपरान्त जिलाधिकारी  द्वारा उ0प्र0 गिरोहबन्द एवं समाज विरोधी क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम 1986 की धारा 14(1) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए शातिर गिरोह बन्द अपराधियों की अवैध समाज विरोधी क्रियाकलापो से अर्जित कुल ₹ 31 लाख ( अनुमानित कीमत) की सम्पति कुर्क किया गया जिसमें गैंगलीडर गोपीनाथ मिश्रा पुत्र स्व0 शिवबली मिश्रा निवासी नेवढ़िया घाट थाना कोतवाली देहात का पक्के मकान में स्थित ट्यूबवेल (5HP मोटर सहित) जिसकी कीमत करीब ₹ 3.5 लाख , दुसरा गैंग का सदस्य  काशीनाथ मिश्रा पुत्र स्व0 शिवबली मिश्रा निवासी नेवढ़िया घाट  की दो मोटर बोट कीमत करीब ₹ 5 लाख,व तीसरा गैंग का सदस्य विजय उर्फ विजयी हरिजन पुत्र बाबूनाथ निवासी सेमरा बेलवां थाना कोतवाली देहात  की

पुलिस द्वारा बाइस व्यक्तियों का चालान किया गया

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 पुलिस द्वारा बाइस व्यक्तियों का चालान किया गया मीरजापुर पुलिस द्वारा आज बुधवार को जनपद में कानून व शान्ति-व्यवस्था बनाये रखने के क्रम में विभिन्न थाना क्षेत्रों से 22 व्यक्तियों का दं0प्र0सं0 151/107/116  में चालान किया गया । जिसमें थाना विंध्याचल कोतवाली में दो व्यक्तियों का चालान थाना चिल्ह में आठ व्यक्तियों का चालान  थाना पड़री में पांच व्यक्तियों का चालान थाना चुनार कोतवाली में तीन व्यक्तियों का चालान थाना जमालपुर में एक व्यक्ति का चालान व थाना अहरौरा में तीन व्यक्तियों का चालान किया गया  *सुशील चौधरी रिपोर्टर*

स्वाबलंबन का कैम्प का आयोजन किया गया

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 स्वाबलंबन का कैम्प का आयोजन किया गया मीरजापुर  महिला कल्याण विभाग  के तत्वाधान मेआज बुधवार को जनपद में मिशन शक्ति अभियान फेज-3 अन्तर्गत  नगरपालिका परिषद  में स्वावलंबन कैम्प का आयोजन किया गया, जिसमे मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, पति की मृत्युपरांत निराश्रित महिला पेंशन योजना, मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना व अन्य लाभार्थी परक योजनाओं आदि का आवेदन पत्र भरवाया गया। इसके साथ ही आमजन को समस्त विभागीय योजनाओ के बारे में विस्तृत जानकारी दिया गया। कन्या सुमंगला अन्तर्गत लगभग 217 लाभार्थियों का चिंहाकन किया गया एवं 56आवेदन भरवाया गया तथा 09आवेदन बाल सेवा योजना और 13 निराश्रित महिला पेंशन योजना के चिंहाकित किए गए। उक्त कार्यक्रम में जिला प्रोबेशन अधिकारी शक्ति त्रिपाठी, महिला कल्याण अधिकारी डॉ मंजू यादव, संरक्षण अधिकारी डॉ रमेश, जिला समन्वयक दिव्या जायसवाल, पैरामेडिकल स्टॉफ कामिनी सिंह  जिला समन्वयक वयं जन सेवा केन्द्र आदि उपस्थित रहे।   *सुशील चौधरी रिपोर्टर*

पूर्व मुख्यमंत्री स्व. कल्याण सिंह को नम आंखों से दी गई श्रद्धांजलि*

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 *पूर्व मुख्यमंत्री स्व. कल्याण सिंह को नम आंखों से दी गई श्रद्धांजलि* नगर के बरौधा स्थित भारतीय जनता पार्टी के जिला कार्यालय पर मंगलवार की दोपहर दो बजे पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय कल्याण सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। नगर विधायक रत्नाकर मिश्र, मझवां विधायक सुचिस्मिता मौर्य, जिला अध्यक्ष बृज भूषण सिंह, संतोष गोयल, नामित सभासद सुशील मुसद्दी, देव प्रकाश पाठक, चौबेटोला वार्ड के सभासद टीटू यादव, महिला मोर्चा की अध्यक्ष प्रेमशीला सिंह, गौरव ऊमर, गौरव बरनवाल,  सुनील चौधरी,रामकुमार विश्वकर्मा व नितिन विश्वकर्मा समेत सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने उनके चित्र पर  पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी*

शीर्षक-पावन पर्व है

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 शीर्षक-पावन पर्व है पावन पूज्य प्रेम पर्व है  बहना के संबल का गर्व है,  ये अटूट कोमल सा धागा  सब संबंधों से ऊपर है।  इस धरती की दो ही खेती इक ऊसर दूजी है रेती,  एक हृदय के टुकड़े दोनों  एक बेटा दूजी है बेटी।  एक माँ की परछाई दोनों  प्रेम की सरस लड़ाई दोनों,  एक दूजे की लौह ढाल बन  हँसी में छिपी रुलाई दोनों।  माँ का अमिट रूप बहना है  पिता का गौरव वंश है भाई,  दो आँगन की बगिया महके  दोनों के जीवन की कमाई।  फले मायका तुझसे मेरा   भाभी का श्रृंगार है तू ही,  शुभ रस्मो की अमरबेल तू  अंत समय तक प्रथम बटोही।  मेरी शुभ मंदिर उत्सव का  प्रथम निमंत्रण,प्रथम शगुन है,  बंधु-बांधवों की टोली में  तेरा आगमन मेरा सर्व है।  श्रावण चंद्र की पूर्ण कला पर  करूँ तिलक तेरी आरती वारुँ  अजर अमर बन रहे सलामत  करूँ टोटके नजर उतारूँ।  रेशम की डोरी में बंध कर  रक्षा का मेरी वचन भरे तू,  धानी धरा पर धनक हो तेरी  सूर्य चंद्र का दीप सवाँरूँ। महिमा तिवारी प्रा0वि0-पोखर भिंडा नवीन  रामपुर कारखाना,देवरिया- उत्तर प्रदेश

कुछ बात कुछ जज़्बात* मंच का 'स्वतंत्रता दिवस' एवं 'रक्षाबंधन' पर विराट भव्य कवि सम्मेलन संपन्न*

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 *कुछ बात कुछ जज़्बात* मंच का 'स्वतंत्रता दिवस' एवं 'रक्षाबंधन' पर विराट भव्य कवि सम्मेलन संपन्न*       प्रतिष्ठित साहित्यिक संस्था 'कुछ बात कुछ जज़्बात' मंच का स्वतंत्रता दिवस एवं रक्षा बंधन के पावन पर्व के उपलक्ष्य में आनलाइन विराट भव्य कवि सम्मेलन गूगल मीट के माध्यम से  दिनांक 21 अगस्त शनिवार 2021 सायंकाल 5 बजे से रात्रि 8 बजे तक  आयोजित किया गया।           स्वतंत्रता दिवस (अमृत महोत्सव) और रक्षा बंधन के उपलक्ष्य में आयोजित कवि सम्मेलन के मुख्य अतिथि वरि.गीतकार आ. वीरेंद्र त्रिपाठी जी रहे।                 कवि सम्मेलन की अध्यक्षता व्यंग्य के सशक्त हस्ताक्षर आ. श्याम मोहन गुप्त 'आकाश' दिल्ली और  विशिष्ट अतिथि के रुप में युवा साहित्यकार, इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के संस्थापक और ज्यूरी सदस्य आ. पारसमणि जी अग्रवाल की गरिमामय उपस्थिति में संपन्न हुआ।     अतिथियों का स्वागत और संस्थापकीय संबोधन मंच के संरक्षक/वरि. कवि आ. भाष्कर सिंह माणिक जी(कोंच, जालौन) ने किया।     कार्यक्रम का शुभारंभ आ. युवा कवयित्री सुश्री रिद्धि निराला जी               द्वारा माँ सरस्वत

शीर्षक :एक मुठ्ठी राख

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 शीर्षक :एक मुठ्ठी राख विधा :गीत कितना भी हो विस्तार किसी का अंतिम परिणाम हो एक सभी का यही अंजाम यही साख बस बस एक मुट्ठी राख... था नाम इतना की जमीन के किनारों से आसमा के फैलाव तक तुम ही तुम थे मूँदी आंख तो बची इतनी ही साख बस एक मुट्ठी राख.... कांपती थी जमीं थरथराता था आसमान  बलशाली नहीं था कोई तेरे सामान  जब गिरा तो बचा खाक बस बस एक मुट्ठी राख... कोई नहीं जानता था उन्हें  बेनाम जी के बिना मर गए उनकी भी वही नियति वही हास्  एक मुट्ठी राख... सोने में खाते चांदी में पीते भाग्यशाली हीरे पहन इतराते रहे रेशम तन पे लहराते रहे बची वहीं अंतिम कीमत निकली जो सांस एक मुट्ठी राख... कितने अपने थे क्या क्या सपने थे एक क्षण भी अकेले नहीं जब चले तो कोई ना था इतने थे अपने परकोई नहीं साथ बस बचे एक मुट्ठी राख... स्वरचित : सुनीता द्विवेदी  पटेलनगर कानपुर उत्तरप्रदेश  9459121050

मंजिल पाने की जिद

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 मंजिल पाने की जिद कर लें चाहे जितनी कोशिश, विपदाएँ मुझे गिराने की। मेरी भी जिद एक यही है, अपनी मंजिल को पाने की। मैंने मन मे ठान लिया है, श्रम घोर सतत ही करना है। कैसे भी हालात हो सम्मुख,  पर हमें कभी ना डरना है। बिना द्वेष के हम यहाँ करेंगे , नित कोशिश नया कर जाने की। मेरी भी जिद एक यही है, अपनी मंजिल को पाने की। हाथ की रेखाओं का क्या, हम कर्म रेख को खीचेंगे। उद्यम के पावन नीर से हम, अब सपन स्वयं के सींचेंगे। नहीं थकेंगे जतन करेंगे, मरुथल में धार बहाने की। मेरी भी जिद एक यही है, अपनी मंजिल को पाने की। कठिन ठोकरों से क्या डरना, गिर कर भी है हमें सम्भलना। शीत तपन हों राहों पर चाहे, शोलो पर भी हो हमको चलना। ठान लिया है मन मे अपने, एक नया मुकाम बनाने की। मेरी भी जिद एक यही है, अपनी मंजिल को पाने की। नहीं थके हैं कदम हमारे, हिम्मत हमने ना हारी है। नहीं रुकेंगे मंजिल के पहले, सफर अभी भी है जारी। अशोक सदा कोशिश तुम करना, शोलों पर राह बनाने की। मेरी भी जिद एक यही है, अपनी मंजिल को पाने की।। अशोक प्रियदर्शी चित्रकूट, उ0प्र0 मो0 नं0 6393574894

राखी का बंधन

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 राखी का बंधन ************* श्रावणमास की पूर्णिमा को होता ये त्योहार , भाई बहन के प्रेम का  बढ़ जाता स्नेह अपार। नहीं किसी बंधन में इतना जोर कहां होता है, राखी के कच्चे धागों में ताकत जितना होता है। अपनी रक्षा की खातिर जब भी बहन पुकारती भाई को भाई दौड़ा आता है तब बिना किसी देरी के। धर्म कभी दीवार नहीं था भाई बहन के रिश्तों में, बन जाते अनजाने अपने राखी के संबंधों में। रानी कर्णवती ने अपनी रक्षाहित हुमायूं को राखी भेजी थी, मान रखा था राजा ने तब राखी की खातिर। विष्णु प्रिया ने राजा बलि को रक्षा सूत्र में बाँध लिया, द्रौपदी की आर्दपुकार सुन कृष्ण ने चीर था बढ़ा दिया। प्रेम प्यार में बँधा सूत्र  इतना विश्वास जगाता है, बहन की राखी बाँध कलाई हर भाई इतराता है। अपनी और पराई कोई बहन नहीं होती है, राखी के बंधनों में बाँध ले ऐसी बहनें होती हैं। बहन की रक्षा की खातिर जो मौत से भी टकरा जाये, बहन को करे निहाल सदा ऐसा ही भाई होता है। ● सुधीर श्रीवास्तव       गोण्डा, उ.प्र.     8115285921

स्योहारा पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर चेकिंग के दौरान लंबाखेड़ा नहर पटरी के पास से तीन युवकों को चोरी के ट्रैक्टर के साथ गिरफ्तार किया है। रिपोर्ट क़ामिल हसन

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 स्योहारा पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर चेकिंग के दौरान लंबाखेड़ा नहर पटरी के पास से तीन युवकों को चोरी के ट्रैक्टर के साथ गिरफ्तार किया है। जबकि उनका एक साथी अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो गया। अभियुक्तों के पास से बरामद ट्रैक्टर ग्राम मंगल खेड़ा से चोरी किया गया था। यह ट्रैक्टर थाना क्षेत्र के गांव मंगल खेड़ा निवासी नवाब अली पुत्र अब्दुल अजीज के ईंट के भट्टे से 19 अगस्त को चोरी कर लिया गया था। नवाब अली की तहरीर के आधार पर थाना स्योहारा पर चोरी का मामला भी दर्ज किया गया था। इस चोरी की विवेचना में पुलिस के सामने शिवम पुत्र सुशील तोमर, मनोज पुत्र बलराम, प्रभात पुत्र दयानंद निवासी गण जोगियान राजा का ताजपुर थाना नूरपुर तथा आकाश पुत्र दिनेश निवासी मोहल्ला सिंघाड़िया कस्बा व थाना किरतपुर के नाम प्रकाश में आए थे। पुलिस ने इन चारों अभियुक्तों में से तीन को गिरफ्तार कर लिया है जबकि चौथा अभियुक्त प्रभात अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो गया जिसकी गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं । पकड़े गए अभियुक्तों ने पूछताछ में बताया कि वह सभी मिलकर बाहर खड़े वाहन चोरी कर लेते हैं और उसको सस्ते दामों में बेचकर पै

राखी मात्र धागा नहीं

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 राखी  मात्र धागा नहीं _______________________ बहनें सिर्फ धागा नहीं बाँधती वो बाँधती हैं भाई की कलाई पर, प्रेम का एक बन्धन' जिसमें  बंध जाता है भाई से, स्नेह, दुलार, सिर्फ प्रेमानुराग  की अपेक्षा रखती, छोड़ दुनिया के उपहार, बहनें सिर्फ धागा नहीं बाँधती वो बाँधती हैं,भाई की कलाई पर, एक रक्षासूत्र   जिसमें रक्षित होता है भाई, और भाई की, कुशलता,साहस, शौर्य,धैर्य ,सम्मान, स्वाभिमान,हर्ष,प्रकर्ष , और पहुँचे प्रतिष्ठा की पराकाष्ठा तक, बहनें सिर्फ धागा नहीं बाँधती वो बाँधती हैं, भाई की कलाई पर, दुआओं की मजबुत गांठ जिसे सहेजती आती हैं ये मन्दिर, मस्जिद,और गुरुद्वारों  के चौखटों  से और साथ में देती हैं ढेरों आशीर्वाद बहनें सिर्फ धागा नहीं बाँधती वो बाँधती है भाई की कलाई से, अपना स्वाभिमान जिसे और भी गर्वित करे उसका भाई, आत्मा की ओज, और नयनों की पवित्रता से, रक्षण दे हर ' स्त्री 'को और सार्थक कर सके, इस स्निग्ध रिश्ते की पहचान, बहनें सिर्फ धागा नहीं बाँधती वो बाँधती हैं,भाई की कलाई से, अपना अटूट विश्वास इस आश के साथ कि  पीहर का मजबुत स्तम्भ रहेगा वो, माँ बाबु का सुरक्षित संबल बनेगा व

मां

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 मां खून बहा तुम्हारा माँ, जब मैं होने वाली थी, फिर भी चेहरे पर तुम्हारे,  दर्द की शिकन पर सवार, हंसी लहराई थी ्। पहली किलकारी सुनकर माँ,  तुमने सुकून से आंखें झलकाई थी.. माथे को चूम कर तुमने मेरे, आंखों से दुआएं बरसाई थी। नन्हे हाथों पैरों को,  जब तुम छू लेती थी माँ.. सहज अनुभव की राग से, मन अपना फुलवारी थी | खुशनुमा थी मैं मां, तुम्हारे प्यारे हाथों में..  नहीं खबर थी मुझे, ना कुछ परवाह , इस दुनियादारी की । शीतल श्रीकांत पांढरे पुणे, महाराष्ट्र

रक्षाबंधन *******

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 रक्षाबंधन ******* कच्चे धागों में बसा रक्षाबंधन त्यौहार, इन धागों में बसा भाई बहन का प्यार। परिभाषा इनके संबंधों की बड़ी अनमोल इन धागों में है छिपा इनका ही संसार। ऊँच नीच अमीर गरीब सभी में सम होता व्यवहार, बहना की ममता छिपी भाई का अमिट दुलार। चाहे कितने दूर हों या हों कितने पास, इन धागों में होता बसा भाई बहन का संसार। युगों युगों से चल रहा ये अनुपम संबंध, भाई बहन के मध्य में न कोई अनुबंध।    👉 सुधीर श्रीवास्तव         गोण्डा, उ.प्र.     8115295921

नहीं रहे यूपी के पूर्व सीएम 1991 में थे पद पर कल्याण सिंह अलीगढ़ जिला अतरौली केथे लंबे समय से चल रहे थे बीमार89 के थे

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 नहीं रहे यूपी के पूर्व सीएम 1991 में थे पद पर कल्याण सिंह अलीगढ़ जिला अतरौली केथे लंबे समय से चल रहे थे बीमार89 के थे नहीं रहे यूपी के पूर्व सीएम 1991 में थे पद पर कल्याण सिंह अलीगढ़ जिला अतरौली केथे लंबे समय से चल रहे थे बीमार89 के थे जिला ब्यूरो चीफ शैलेंद्र सिंह चौहान

समाज की तस्वीर

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 समाज की तस्वीर *************** समाज की तस्वीर का बखान क्या करें साहब ? समाज कोई वस्तु तो है नहीं जो किसी कारखाने में निर्मित हुई है। अपने आपको देखिये फिर चिंतन मनन कीजिये आपने समाज बनाने की जितनी जिम्मेदारी निभाई होगी वैसी ही तस्वीर  समाज की आपको स्पष्ट नजर आयेगी। समाज की तस्वीर देखने से पहले अपने आप में झाँकिए हूजूर समाज की तस्वीर साफ साफ नजर आयेगी, आपकी शराफत और बेहयाई की सारी कहानी खुद ब खुद आँखों के सामने  आइने की तरह साफ दिख जायेगी। ◆ सुधीर श्रीवास्तव       गोण्डा, उ.प्र.    8115295921

तुम्हें प्यार कर लेंगे...

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 तुम्हें प्यार कर लेंगे... तुमसे मिले हर दर्द का, श्रंगार कर लेंगे अपने दिल में सारे गम स्वीकार कर लेंगे इस अकेले पन को हम, संसार कर लेंगे आओगी जब लौट के, तुम्हें प्यार कर लेंगे एक न एक दिन तुमको मेरी याद आएगी तुमको तुम्हारी जब सखी, पागल बुलाएंगी सारी बातें सोच कर तुम, चुप हो जाओगी झूठी हँसी होगी, और तुम रो न पाओगी तब भी सारे आंशुओं, को पल में हर लेंगे आओगी जब लौट के, तुम्हें प्यार कर लेंगे सोचना मत गर कोई, तुमको रुलाये तो सोचना हमको, कोई जब पास आये तो मेरे प्रेम के शब्दों में हो ये बात जानती हो रोयेंगे मेरे रोम जब तुझमें कोई समाए तो इस भरी सदी का दर्द, हम खुद पे धर लेंगे आओगी जब लौट के, तुम्हें प्यार कर लेंगे सपने सारे आके फिर तुम पुरा कर देना मेरी इस तड़पन को अपनी बाँह दे-देना देख के उस पल को देव चकित होजायेंगे ये नदी के किनारे दो जब संग होजायेंगे क्या मेरे तकदीर इतना, उपकार कर देंगे आओगी जब लौट के, तुम्हें प्यार कर लेंगे ~ कृष्णा मिश्रा (अतुल) कोतमा अनूपपुर (मध्यप्रदेश) 7803955561

*पालिकाध्यक्ष ने सामुदायिक शौचालय का किया लोकार्पण

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 *पालिकाध्यक्ष ने सामुदायिक शौचालय का किया लोकार्पण *   *नगरवासियो की सुख सुविधा व सेवा के लिए सदैव तत्पर रहूंगा : मनोज*  मीरजापुर। नगर पालिका अध्यक्ष  मनोज जायसवाल ने स्वच्छ भारत मिशन द्वारा सामुदायिक शौचालय का लोकार्पण  डंगहर वार्ड 6 में एफ सी आई पुल के नीचे किया। लोकार्पण के बाद उपस्थित आम बथुआ डंगहर मोहल्ले की जनता को सम्बोधित करते हुए नगर पालिका अध्यक्ष  मनोज जायसवाल ने कहा कि आप सभी के आशीर्वाद से  आप सभी के सुख सुविधा व सेवा के लिए नगर पालिका निरंतर कार्यरत हैं।डगहर वार्ड के निवासीयो ने नगर पालिका अध्यक्ष मनोज जायसवाल का आभार प्रकट किया। भाजपा नगर महामंत्री पश्चिम नितिन विश्वकर्मा ने कहा कि नगर पालिका अध्यक्ष मनोज जायसवाल जिन्होने यहाँ बथुआ, डंगहर के रास्ते सामुदायिक शौचालय का निर्माण करके 20 साल पहले की  मोहल्ले वासियों की मांग को पूरा किया है। सामुदायिक शौचालय के लोकार्पण में मुख्य रूप से डंगहर वार्ड के सभासद शिवपाल कनौजिया बरौधा वार्ड के  सभासद वीरेन्द्र तिवारी, नित्यानंद स्वामी,धीरज तिवारी, चंदन जयसवाल, भाजपा सेक्टर संयोजक मनोज त्रिपाठी, वीरेन्द्र सोनी, गुलाब प्रजापति, अंकित

सत्य कहो,स्पष्ट कहो

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 सत्य कहो,स्पष्ट कहो ****************** जो भी कहो,जब भी कहो सत्य कहो, स्पष्ट कहो, खुद पर विश्वास रखकर कहो, बिना किसी दबाव, लाग लपेट के बेखौफ़ होकर कहो। क्योंकि सत्य छुपा नहीं पाओगे, झूठ के पाँवों से भागकर कभी बच नहीं पाओगे, उल्टे अपमान और जिल्लत का  बोझ लिए सूकून की साँस भला कब तक ले पाओगे? रेत के महलों की भला उम्र कितनी होगी? झूठ की बैसाखी भला कब तक सहारा देगी? एक सच छुपाने के लिए सौ सौ झूठ बोलने पड़ेंगे, फिर भी सच सामने आकर सबके बीच चीखने लगेंगे। सत्य सदा ही विजयी रहा है ये अलग बात है कि झूठ के चक्रव्यूह में उलझता रहा है, फिर बड़ी शान से  भेदकर झूठ का चक्रव्यूह बेदाग सदा से ही मुस्करा रहा है। ● सुधीर श्रीवास्तव       गोण्डा, उ.प्र.    8115285921 © मौलिक, स्वरचित

गीत

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 गीत क्या प्यार इसी को कहते हैं...? चंचल ऑंखें शरमाती हैं फिर पलकें भी झुक जाती हैं। मन प्राण मौन से रहते हैं। क्या प्यार इसी को कहते हैं? सब शिथिल अंग हो जाते हैं। भीतर  से  हम  सकुचाते हैं। मन  में  कुछ सपने पलते हैं। क्या प्यार इसी को कहते हैं? कोमल तन -मन संकल्प किये। जग से  लड़ने  का  ठान लिए। बस  पीर  उन्हीं  की सहते  हैं। क्या  प्यार  इसी  को कहते हैं? उनको ही सब कुछ मान लिया। भीतर तक उनको  जान लिया। जब  भेद  भाव  सब  ढहते  हैं। क्या  प्यार  इसी  को  कहते हैं? देखे बिन उनको चैन नहीं। एक दूजे बिन बेचैन कहीं। यादों  में  आँसू   ढरते  हैं। क्या प्यार इसी को कहते हैं? सौ   जुर्म  जमाने   के सहते। अपनी   मस्ती   में  ही  रहते। कभी रोते और कभी हँसते हैं  क्या  प्यार  इसी को कहते हैं? स्वरचित, सर्वाधिकार सुरक्षित। वीरेन्द्र कुमार मिश्र "विरही" ग्राम. विन्दवलिया पोस्ट. नोनापार जिला. देवरिया, यूपी.।

कविता ॥ मुस्कुरायें ॥

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 कविता ॥ मुस्कुरायें ॥ रचना ॥ उदय किशोर साह मो० पो० जयपुर जिला बाँका बिहार जीवन में सदा मुस्कुराते ही आना जीवन में सदा मुस्कुराते है जाना गम जीवन कभी पास ना आये खुशियों का दामन सदैव थामना एक हसरत है खुशियाँ जीवन में बड़ी नेमत है रब का इस जग में खुशियाँ जिसे यहाँ मिल जाता है जीवन उसका संवर जाता है हर गम की दवा खुशी है जीवन में हर मर्ज की दवा हँसी है इस जग में खुशियाँ रब की सुन्दरतम सौगात है मुस्कुराने से नई जोश का बरसात है हर हाल में इसे जिन्दा है रखना हर मोड़ पे खुशी का सपना है देखना खुशियो को आज गले लगाना है हर पल में जीवन में मुस्कुराना है। उदय किशोर साह मो० पो० जयपुर जिला बाँका बिहार 9546115088

बस यही हमारा परिचय है, बस यही मेरा इतिहास रहा। कह दिया बहुत कुछ हमने हैं, फिर भी कुछ हमने नहीं कहा।।

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 बस यही हमारा परिचय है,            बस यही मेरा इतिहास रहा। कह दिया बहुत कुछ हमने हैं,          फिर भी कुछ हमने नहीं कहा।।               सहृदय सुधी कवि वृंद सादर नमस्कार वंदन एवं अभिनंदन। आज मै अपने जीवन का एक ऐसा रहस्य खोलने जा रहा हूँ, जिसे शायद आप नहीं जान रहे होंगे। आज मैं अपना असली परिचय आपके सामने रखना चाहता हूँ। इसलिए नहीं कि आपकी सहानुभूति प्राप्त कर सकूँ, इसलिए भी नहीं कि मै प्रसिद्धि प्राप्त कर सकूँ। बल्कि इसलिए कि आप मेरे संबंध में अपनी विचारधारा और धारणा को एक स्थिर आकार दे सकें। अभी तक आप जान रहे होंगे कि मैं एक स्वस्थ और सकलांग व्यक्ति हूॅं। तो इस धारणा को बदल लीजिए। नीचे मेरे छायाचित्र को देखिए। बस यही मेरा असली परिचय है। मैं एक विकलांग व्यक्ति हूॅं। मेरा दाहिना हाथ कन्धे के पास से कटा हुआ है। जैसा कि आप मेरे छायाचित्र में देख रहे होंगे। अब आपको कौतूहल होगा कि आखिर यह सब कब कैसे और क्यों हुआ ? तो आइए मैं आपकी जिज्ञासा को शान्त करता हूँ। मित्रों बचपन की बात है मुझे समय ठीक से नहीं याद है। क्योंकि उस समय मै बहुत छोटा था। हाँ इतना जरूर याद है कि मै उस समय कक्षा छ: में पढ़ता

आज ग्राम लतीफपुर उर्फ सिपाहीवाला मे हो रहे ईसाई मिशनरी के सत्संग को हिन्दू जागरण मंच के कार्यकर्त्ताओर ने रोका।

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 आज ग्राम लतीफपुर उर्फ सिपाहीवाला मे हो रहे ईसाई मिशनरी के सत्संग को हिन्दू जागरण मंच के कार्यकर्त्ताओर ने रोका। ईसाई मिशनरी लगातार तेजी से धर्म परिवर्तन कराने का काम कर रही है। लतीफपुर उर्फ सिपाहीवाला मे हो रहे ईसाई मिशनरी के सत्संग की सुचना जैसे ही हिन्दू जागरण मंच के नगर अध्यक्ष रवि हरिओम भटनागर जी को मिली तब हिन्दू जागरण मंच के कार्यकर्ता ग्राम लतीफपुर उर्फ सिपाहीवाला मे चल रहे सत्संग मे पहुच गये। सत्संग कर रहे लोगो ने बताया कि ईसाई मिशनरी उनको तरह तरह के प्रलोभन देते है और परमेश्वर यीशु की प्रार्थना करवाते। इस प्रकार के घटना जिला बिजनौर मे बहुत तेजी से बढ़ रही है। जिनके घर इस प्रकार का सत्संग चल रहा था उनके विरूद्ध प्रशासनिक कार्यवाही होनी चाहिए। हिन्दू जागरण मंच नगर अध्यक्ष रवि हरिओम भटनागर जी ने कहा हिन्दू धर्म मानने वाले लोगो मे जागरूकता का आभाव आ रहा है कुछ लोग जो आर्थिक रूप से कमजोर अथवा लम्बी या गम्भीर बिमारी से पीड़ित है ज्यादातर ऐसे ही लोग ईसाई मिशनरी का टार्गेट बनते है। ऐसे लोग छोटे-छोटे लालच मे आकर राह से भटक जाते है और ईसाई मिशनरी ऐसे लोगो का फायदा उठाकर अपने ईसाई धर्म

लेख शहीदों का परिवारों के प्रति दायित्व

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 लेख शहीदों का परिवारों के प्रति दायित्व *****************************             बहुत ही गंभीर और चिंतन का विषय है कि शहीद परिवारों के प्रति हम, हमारा समाज और हमारी सरकारें कितना दायित्व बोध महसूस करती हैं या महज औपचारिकता की कर्तव्यश्री भर निभाकर पल्ला झाड़कर सूकून का अहसास करते हैं। इस गंभीर और संवेदनशील विषय पर जरूरत है राष्ट्र, समाज और नागरिक स्तर पर स्वयं की वैचारिकी को विस्तृत करने,मन के पटों को पूरी तरह खोलने की। तभी हम शहीद परिवारों की वास्तविक वस्तु स्थिति का आँकलन कर पायेंगे,शायद तब ही हमें अपने वास्तविक कर्तव्य की गँभीरता का अहसास हो।     सर्वविदित है कि आजादी पाने में अनगिनत रणबांकुरों ने अपनी आहुतियां दे डाली,जिनमें बहुत से ऐसे भी हैं जो आज भी अज्ञात बने हैं,मगर उनके वंशजों के लिए पीढ़ी दर पीढ़ी गर्व का कारण भी बने हुए हैं। आज उसी आजादी को अक्षुण्य रखने का गुरुतर दायित्व हमारे जाँबाज वीर सैनिक निभा रहे हैं। देश की सुरक्षा के साथ अन्य गँभीर और असामान्य परिस्थितियों में भी हर पल अपनी जान की बाजी लगाए रहते हैं। जिसमें बहुत से हमारे वीर जाँबाज सैनिक शहीद भी होते रहते हैं। उन शह

कविता ॥ मजबूरी ॥

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 कविता ॥ मजबूरी ॥ रचना ॥ उदय किशोर साह ॥ मो० पो० जयपुर जिला बाँका बिहार अन्नदाता की मजबूरी को कोई मिट्टी ही समझ पाता है मिट्टी इनका दर्द सुनता है जबकि ये मिट्टी से ही लड़ता है जब बारिस नहीं होती है खड़ा फसल सूख जाता है किसानों की इस बेबसी को कहाँ बादल समझ पाता है मछली की मनःस्थिति को नदी की जल ही समझ पाता है जल बिन मछली की जीवन तड़प तड़प कर लुट जाता है जल मीन को जिन्दा रखता है पर मानव को डुबो मार देता है जब इन्सान का तन जल से बना है फिर भी डूबा कर मार जाता है इस जग में भूखा की दर्द को कोई भूखा ही समझ पाता है अन्न की आभाव की बैचेनी कोई भूखा ही समझ पाता है जिन्होंने कभी भूखा नहीं सोया वो भूख की दर्द को क्या समझेगा भूख की इस बेबसी को जहाँन में कोई भूखा ही समझेगा अंधेरे की क्या है मजबूरी अंधेरा ही समझ पाता है दूर कैसे हो अंधेरापन कोई चिराग ही समझ पाता है दोनों इक दूजे का है विरोधी फ़िर भी इन्तजार करता है जब चिराग जल उठता है अंधेरा डर कर छुप जाता है। उदय किशोर साह मो० पो० जयपुर जिला बाँका बिहार 9546115088

चन्द्रशेखर फाउणडेशन ने किया राष्ट्रीय महिला कार्यकारिणी का गठन - अमन सिंह*

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 *चन्द्रशेखर फाउणडेशन ने किया राष्ट्रीय महिला कार्यकारिणी का गठन - अमन सिंह*  चन्द्रशेखर फाउणड़ेशन के राष्ट्रीय महासचिव अमन सिंह ने बताया कि पिछले 6 महीने पहले राष्ट्रीय महिला कार्यकारिणी संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री हिमांशु सिंह के निर्देशा अनुसार भंग कर दी गई थी। प्रदेश लेबल तक महिला कार्यकारिणी सक्रिय थी, कुछ महिला पदाधिकारी प्रदेश में अपनी सक्रियता निरंतर बनाये रखी है जिनमे से प्रीति सिंह को पर्यावरण प्रकोष्ठ का राष्ट्रीय अध्यक्ष, आरती शर्मा को महिला प्रकोष्ठ का राष्ट्रीय महासचिव एवम सुप्रिया जयसवाल को राष्ट्रीय सचिव नियुक्त किया गया। संस्था अब तक पूरी निष्ठा के साथ संगठन को मज़बूती प्रदान कर साथ चल रही है और संस्था के प्रति ईमानदार लोगो को संस्था आगे भी बड़ी जिम्मेदारियां देने पर विचार करेगी। चन्द्रशेखर फाउणडेशन 27 प्रकोष्ठ  है और हर प्रकोष्ठ से 8 महिला राष्ट्रीय कार्यकारिणी में नियुक्ती की जायेगी ।पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चंदशेखर जी के नाम पर बनी चन्द्रशेखर फाउणडेशन अभी तक देश के 18 राज्यों में सक्रिय है और आने वाले कुछ सालों में देश के हर राज्य में अपनी कार्यकारणी का गठन

उसे मैं गीत लिख दूँ क्या

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 उसे मैं गीत लिख दूँ क्या ना जिससे प्रीति हो मुझको उसे मनमीत लिख दूँ क्या? हृदय के तार ना बजते उसे संगीत लिख दूँ क्या? ना जगते भाव हों जिससे उसे मैं गीत लिख दूँ क्या? ना मिटने का हुनर जिसमें उसे मैं प्रीत लिख दूँ क्या? झुकाकर दिल में ना रख ले उसे मैं जीत लिख दूँ क्या? ना संस्कृति का हो संरक्षण उसे मैं रीत लिख दूँ क्या? हुनर जिसमें जहाँ जितनी वही फिर नाम दो उसको. बेमतलब सर चढ़ाने को कहो रणनीति लिख दूँ क्या? वीरेन्द्र कुमार मिश्र "विरही " ग्राम-विन्दवलिया पोस्ट-नोनापार जिला-देवरिया,यूपी.

*भारतीय साहित्य संस्कृति का काव्य संवाद यात्रा कार्यक्रम संपन्न*

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 *भारतीय साहित्य संस्कृति का काव्य  संवाद यात्रा कार्यक्रम संपन्न* साहित्य समाज का दर्पण - महेंद्र सिंह 'राज' ****************************** साहित्यिक सामाजिक संस्था 'भारतीय साहित्य संस्कृति' का 'काव्य संवाद यात्रा' आनलाइन कार्यक्रम दिनांक 14.08.2021 को सफलता पूर्वक संपन्न हुआ। सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त एवं कई एनजीओ से जुड़ी भारतीय साहित्य संस्कृति एक सम्मानित संस्था है। एक ऐसी संस्था जिसका मुख्य उद्देश्य मानव कल्याण, जनजीवन कल्याण, पशुसेवा, रक्तदान, नेत्रदान तथा समाज के कल्याण के लिए प्रयत्नशील रहकर जनमानस में जागरूकता को विकसित करना और संवेदना जगाना है। भारतीय साहित्य संस्कृति भारतीय साहित्य के साथ- साथ भारतीय संस्कृति के उत्थान के लिए सदैव कार्यरत रहता है। यह मंच साहित्य, कला एवं समाज सेवा में समर्पित लोगों को एक नई पहचान देने और उनके उत्कृष्ट कार्यों को प्रकाश में लाने का भरपूर प्रयास करता है।      भारतीय साहित्य संस्कृति  एक साक्षात्कार कार्यक्रम ,काव्य संवाद यात्रा कार्यक्रम का आयोजन करता है । जिसमें समाज की विभिन्न सेवा से जुड़े लोग, उत्कृष्ट साहित्यकार