तुम्हें प्यार कर लेंगे...
तुम्हें प्यार कर लेंगे...
तुमसे मिले हर दर्द का, श्रंगार कर लेंगे
अपने दिल में सारे गम स्वीकार कर लेंगे
इस अकेले पन को हम, संसार कर लेंगे
आओगी जब लौट के, तुम्हें प्यार कर लेंगे
एक न एक दिन तुमको मेरी याद आएगी
तुमको तुम्हारी जब सखी, पागल बुलाएंगी
सारी बातें सोच कर तुम, चुप हो जाओगी
झूठी हँसी होगी, और तुम रो न पाओगी
तब भी सारे आंशुओं, को पल में हर लेंगे
आओगी जब लौट के, तुम्हें प्यार कर लेंगे
सोचना मत गर कोई, तुमको रुलाये तो
सोचना हमको, कोई जब पास आये तो
मेरे प्रेम के शब्दों में हो ये बात जानती हो
रोयेंगे मेरे रोम जब तुझमें कोई समाए तो
इस भरी सदी का दर्द, हम खुद पे धर लेंगे
आओगी जब लौट के, तुम्हें प्यार कर लेंगे
सपने सारे आके फिर तुम पुरा कर देना
मेरी इस तड़पन को अपनी बाँह दे-देना
देख के उस पल को देव चकित होजायेंगे
ये नदी के किनारे दो जब संग होजायेंगे
क्या मेरे तकदीर इतना, उपकार कर देंगे
आओगी जब लौट के, तुम्हें प्यार कर लेंगे
~ कृष्णा मिश्रा (अतुल)
कोतमा अनूपपुर (मध्यप्रदेश)
7803955561
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