उसे मैं गीत लिख दूँ क्या
उसे मैं गीत लिख दूँ क्या
ना जिससे प्रीति हो मुझको उसे मनमीत लिख दूँ क्या?
हृदय के तार ना बजते उसे संगीत लिख दूँ क्या?
ना जगते भाव हों जिससे उसे मैं गीत लिख दूँ क्या?
ना मिटने का हुनर जिसमें उसे मैं प्रीत लिख दूँ क्या?
झुकाकर दिल में ना रख ले उसे मैं जीत लिख दूँ क्या?
ना संस्कृति का हो संरक्षण उसे मैं रीत लिख दूँ क्या?
हुनर जिसमें जहाँ जितनी वही फिर नाम दो उसको.
बेमतलब सर चढ़ाने को कहो रणनीति लिख दूँ क्या?
वीरेन्द्र कुमार मिश्र "विरही "
ग्राम-विन्दवलिया
पोस्ट-नोनापार
जिला-देवरिया,यूपी.
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