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Showing posts from March, 2021

कविता ॥ मेरे रहबर ॥

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 कविता ॥ मेरे रहबर ॥ रचना_ उदय किशोर साह मो० पो० जयपुर जिला बांका बिहार 9546115088 जब चली जाओगी तुम मुझसे युँ रूठकर जी ना पाओगी तुम भी मेरे बिन मेरे अजीज रहबर अश्क बहाती रहेगी तेरी ये आँखें तेरी नजर लौट कर आओगी झ्क दिन मेरे पास मेरे अजीज दिलबर भूल पाओगी ना कभी मुझे तुँ ये मेरा पावन सा शहर याद आयेगी तुम्हें पल पल मेरी नगर का ये डगर कैसे बितेगी सूनी रात  तेरी मेरी बॉहों के बगैर सो ना पाओगी अकेली मेरे ही तरफ होगी तेरी बोझिल नजर हर आहट पे चौंक जाओगी  मेरे मासुम हम सफर रो रो कर गुजर जायेगी रात की सारी पहर भीग जायेगी अश्क से तकिया टुट जाओगी तुँ इस कदर ढुँढ ना पाओगी भीड़ में मुझे मेरे रहगर जिद ना कर जुदा होने की तुँ अब रह रह कर कैसे जियोगी मेरे बिन बता दो मुझे मेरे दिलबर समझाऊँ मैं कैसे  तुम्हें मेरे हमसफर ना तोड़ो मोहब्बत को  ये नाजुक है मेरा ये जिगर। उदय किशोर साह मो० पो० जयपुर जिला बाँका बिहार 9546115088

शीर्षक- बिन साजन जब सावन आए

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 शीर्षक- बिन साजन जब सावन आए व्याकुलता    की    परिधि   में, इन आंखों  का  हाल  न  पूछो। बिन बादल के  बरस  रही  जो, ऐसा   वर्षा   काल   ना   पूछो। गवने की  उस नई  दुल्हन  की, चूड़ी, बिंदी, लाली ,कंगन  की। भयभीत हृदय नयन व्याकुल है, परिजन  से  उस  बिछड़न की। आंखें    रोए   मन    हर्षित   है, ऐसा तुम  जय  माल  ना पूछो। खिले कुसुम  हरियाली हो गई, कोयलिया   मतवाली   हो गई। जो      बिछड़े   प्राणनाथ   तो, विरह में गोरी  काली   हो  गई। बिन साजन  जब  सावन आए, उसमें  मन का  हाल ना  पूछो। प्रेम   साज   सुहाग   समर्पित, भारत  माता  पर सब  अर्पित। कंत   जो   पाए  वीरगति   तो, उस पर भी है  मैंने यह गर्वित। वह   वीर   वधू   भारत  की  है, उससे  को ई  सवाल  न  पूछो। बिन  बादल  जो  बरस  रही हैं, ऐसा   वर्षा   काल    ना  पूछो। कामिनी मिश्रा,प्रतिष्ठित  साहित्यकार व शिक्षिका,प्रतिष्ठित प्रा0वि0-लालमणि खेडा, बीघापुर-उन्नाव,उत्तर प्रदेश

इंटर कॉलेज डीएवी ठाकुरद्वारा रोड नल तिराहा पर 10 व 12 के छात्रों का बिदाई समाराहों मनाया गया

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इंटर कॉलेज डीएवी ठाकुरद्वारा रोड नल तिराहा पर 10 व 12 के छात्रों का बिदाई समाराहों मनाया गया जिसमें कोरोना के चलते न तो किसी अध्यापक के चेहरे पर मास्क था ना ही किसी विद्यार्थी के इतनी बड़ी लापरवाही शिक्षित लोगों में दिखाई दे रही है।

कविता ॥ पूनम की चाँदनी ॥

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 कविता ॥ पूनम की चाँदनी ॥ रचना _ उदय किशोर साह मो० पो० जयपुर जिला बाँका बिहार 9546115088 पूनम की चाँदनी नभ पे चली आई बदरी में दुल्हन की तरह शरमाई जब तुँने पायलिया छलकाया प्यार की रंग फिजां में घुल आया पपीहा डाली पे पिहू पिहू बोले अमुवा की मंजरी डाली पे रस घोले चारों ओर मोहब्बत की रूत छाई बह रही है मदमस्त पुरवाई बाग बगीचे में मस्ती है अंकुराई फिजां में भंग की नशा घुल घुल आई बादलों के संग चंदा खेल रही अठखेलियाँ चमन में भौंरा संग रंग विरंगी कलियाँ रात रानी शाम हवा को महकाये रूत मोहब्बत की गली गली घूम आये आओ चन्द्रलोक की सैर करा दूँ प्यार की एक चुम्बन माथे पे सजा दूँ इल्तजा मेरी इन्कार ना करना रूठ कर वापस घर ना मुड़ जाना अपनी प्रेम की होगी अब रवानी प्यार अंकुरेगा उपजेगा प्रेम कहानी चन्दा की बिन्दी माथे पे सजा दूँ झील के किनारे चलो दूर तक घूमा दूँ मेरे हाथ में अपनी हाथ दे जाओ काँधे पे मेरी सोने में ना शरमाओ ओ चन्दा मेरी मेहबूबा को समझाना बाहों में एक दूजे को अपने में छुपाना प्रेम डगर की एक नगर हमें भी दिखाना चन्द्रलोक में अपनी हम दोनों को बसाना । उदय किशोर साह मो० पो० जयपुर जिला बाँका बिहार

शीर्षक - है समर शेष अब मेरा

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 शीर्षक - है समर शेष अब मेरा है   समर    शेष   अब  मेरा, कुछ क्षण  विशेष  अब मेरा,  मैं   आती    देख    रही   हूं,  संध्या   किरणों  का  सवेरा,  है   समर   शेष   अब  मेरा। हाथों  में   मेरे  जो  पात्र  है,  कुछ  देना  उससे  आज  है,  संचय    करके    जो   रखा, उसे मांग  रहा  अब  अंधेरा,  है   समर   शेष  अब   मेरा। दे  करके   आज   चलूं   मैं, जो   जीवन   शेष  है   मेरा, क्यों  व्यर्थ  गवाया  इसको,  अब   पूछ  रहा   मन   मेरा,  है   समर   शेष   अब  मेरा। है   तिमिर   भी    मुस्काता,  मुझको   ही  पास   बुलाता,  आंचल   के    अपने    तारे,  क्यों मुझको वह दिखलाता,  क्षण - क्षण है  भंगुर जीवन,  यह सत्य है  किसने बिखेरा, है   समर   शेष   अब  मेरा। दुख से  बोझिल जो  आंखें,  उसे  कुछ  प्रकाश दे  जाऊं,  करुणा  का मान  बढ़ा  कर,  सुख  जीवन   का  मैं  पाऊं, है  समर   शेष   अब   मेरा। संध्या      बेला    में      मैंने, राजीव  को  मुस्काता  देखा, कुछ  क्षण, मैं  सोच में  बैठूं,  अब   लंबी   नहीं   है   रेखा, है  समर   शेष   अब   मेरा। पर  जो  कुछ भी जितना है,  उसको   नहीं   व्यर्थ गंवाना,  अंजुली  में

धूमधाम से मनाई गई होली जमकर उड़े रंग और गुलाल

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 *धूमधाम से मनाई गई होली जमकर उड़े रंग और गुलाल                                                              आकाश कर्णवाल चांदपुर* :- होली का त्योहार सोमवार को शहर में हर्षोल्लास से मनाया गया। चारों ओर हवा में उड़ता अबीर-गुलाल और रंगों से सराबोर लोग। यह नजारा देख हर कोई होली के रंग में रंग गया और जमकर होली खेली गई। इस मौके पर कई लोगों ने अपने मनमुटाव व आपसी गिले शिकवे भुलाकर एक दूसरे को गले लगाया और होली के रंग में डूब गए। इस बार होली के त्योहार में लोगों में गजब का उत्साह देखने को मिला। एक सप्ताह पहले ही लोगों ने होली की तैयारियां शुरू कर दी थीं। रविवार की रात होलिका दहन होने के बाद सोमवार को दिन भर रंगों का दौर चलता रहा। सुबह से ही लोग मित्रों, रिश्तेदारों के यहां पहुंच गए और एक दूसरे को रंग लगाकर होली का उल्लास मनाया। बड़े-बुजुर्गों को अबीर गुलाल लगाकर उनका आशीर्वाद लिया। बच्चों ने अपने हम उम्र साथियों के साथ पिचकारियों व अन्य माध्यमों से होली के त्योहार का लुत्फ उठाया। दिन भर यही दौर चलता रहा। लोगों का एक दूसरे के घर आना-जाना लगा रहा। होली का उल्लास इतना था कि शहर की सूनी पड़ी स

सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने मोहा मन*

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 *सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने मोहा मन*                                             सोशल फाउंडेशन मुरादाबाद के तत्वाधान में मिगलानी सेलिब्रेशन मुरादाबाद में होली के अवसर पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का हुआ आयोजन ।                 सोशल फाउंडेशन (रजि ) संस्था के तत्वाधान में होली के रंग अपनो के संग कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ अनुज अग्रवाल ने की ।।                                            कार्यक्रम  की शुरुआत  में डॉ अनुज अग्रवाल , प्रिया सिंह , सुमित अग्रवाल , शिव मिगलानी , के द्वारा मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई ! इस अवसर पर उन्होंने कहा कि गीत संगीत एवं नृत्य हमारी भारतीय संस्कृति का परिचायक है इसलिए हमें सदैव भारतीय संस्कृति एवं कला के प्रति सजग रहकर अपने देश प्रेम को आगे बढ़ाना है इस अवसर पर उन्होंने सभी लोगों से बढ़-चढ़कर देशभक्ति के कार्यक्रमों में हिस्सा लेने का आवाहन किया कार्यक्रम में विभिन्न छात्र-छात्राओं एवं महिलाओं ने हिस्सा लिया तथा गीत संगीत एवं नृत्य प्रस्तुत किए। ढोल की थाप पर फूलों की रंगोली एवं राधा कृष्ण के नृत्य ने  सबको झूमने पर मजबूर कर दिया सरस्व

स्योहारा की गंगा जमुनी तहजीब व शांति के साथ बिता रंगों का त्योहार।रिपोर्ट क़ामिल हसन

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 स्योहारा की गंगा  जमुनी तहजीब व शांति के साथ बिता रंगों का त्योहार।  स्योहारा---दुनिया के लिए मिसाल बनी हुई स्योहारा की गंगा जमुनी तहज़ीब की वजह से रंग और उल्लास का पर्व शांति औऱ खैरियत से बिता,हर साल की तरह इस बार भी नगर में होली का जुलूस निकाला पर दोनों समुदायों के आपसी तालमेल व पुलिस प्रशासन की मेहनत ने इस बार भी इस जुलूस को रंगीला और शानदार बना दिया। होली के बाद दुल्हेंडी के अवसर पर नगर से गुजरने वाला ये परपम्परागत जुलूस गुरुवार को भी अपने निर्धारित स्थान से शुरू होकर नगर के तमाम मुख्य मार्गो से होकर गुज़रा जिसमे सेकड़ो बुग्गियो में सवार हुलियारो ने पूरी मस्ती में डूबते हुए व संगीत के साथ रंगों की बारिश में शहर को डुबो दिया। साथ ही मुस्लिम समाज के गणमान्य लोगों व पुलिस प्रशासन  ने अपनी पूरी भागीदारी देते हुए इस जुलूस को सफल बनाया। इस मौके पर पालिका अध्यक्ष अख़्तर जलील,डॉ मनोज वर्मा,कु. राणा प्रताप सिंह,अरुण कुमार वर्मा,चो,फहीम उर रहमान,रजत उर्फ शेंकि रस्तोगी,जावेद अख्तर,मा, विजयपाल,,डा यगद्दत गोड़, एड, महफूज़ चोधरी,नदीम ज़फ़र,रिसालत चो,राजपाल सिंह प्रजापति,असजद चोधरी,अफ़ज़ाल चोधरी,सहित नगर

मामूली विवाद ने पकड़ा तूल जमकर हुई पत्थरबाजी,एकपक्षीय हुई कार्यवाही रिपोर्ट क़ामिल हसन

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 मामूली विवाद ने पकड़ा तूल जमकर हुई पत्थरबाजी,एकपक्षीय हुई कार्यवाही रिपोर्ट क़ामिल हसन स्योहारा।एक तरफ जहां होली का जुलूस  शांति के साथ सम्पन्न हुआ तो वहीं रात होते होते शहर भर का माहौल कुछ असामाजिक तत्वो की वजह से खराब हो गया जिसके अंतर्गत मात्र फ्लेक्सी फटने पर हुए बवाल में जहां जमकर पत्थरबाजी हुई तो वहीं पुलिस ने गुंडई करते हुए बुजुर्गों को  भी बुरी तरह पीटा,सत्ता पक्ष के सामने झुके प्रशासन ने एक तरफ कार्यवाही करते हुए मामले को और ज़्यादा तूल देने का काम किया। बीती रात तक एएसपी पूर्वी, सीओ,एसडीएम ,सपा विधायक जहां शांति के लिए मोर्चा संभाले रहे तो वहीं प्रशासन ने हठधर्मिता दिखाते हुए एक पक्षीय कार्यवाही की।मामला दो सम्प्रदायो का होने की वजह से नगर भर में गहमा गहमी का माहौल बना रहा तो साथ ही भाजपा नेताओं की जमकर किरकिरी हुई

अग्रवाल सभा द्वारा कवि सम्मेलन का आयोजन

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 *अग्रवाल सभा द्वारा कवि सम्मेलन का आयोजन                                                                                      आकाश कर्णवाल चांदपुर:-*  होली के पावन पर्व पर अग्रवाल सभा (रजि) चांदपुर के तत्वधान में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया । जिसमें अन्य जनपद से आए कवियों ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत कीं। हंसी और ठिठोली की रचनाओं के बीच श्रोता डटे रहे। हिंदू इंटर कॉलेज परिसर में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन दिल्ली की कवियत्री मोनिका देहलवी ने कहा कि फुर्सत हो सितारों की बारात से आ जाओ। तुम्हें चांद देखना है तो रात में आ जाओ ।। काशीपुर के कवि विवेक प्रजापति ने कहा कि वक्त थोड़ा बिताके जाना तुम। फर्ज अपना निभा के जाना तुम।। राह में गर मिले शहिद का घर।।। अपने सर को झुका के जाना तुम।।। पानीपत के कवि योगेंद्र मौदगिल ने कहा कि सबक सिखाएंगे हम आप अपनी -अपनी वोट से उनको जिन्होंने बैठ के संसद में हिंदुस्तान को लूटा । रुद्रपुर के कवि जयंत शाह ने चुनावी राजनीति पर व्यंय करते हुए कहां कि झंडे डंडे नारों से भर आया नभ। सखी है क्या चुनाव आने वाले हैं।। कार्यक्रम में कृष्ण अवतार बैंकर्स, विष्णु

कविता ॥ विश्व की उद्यान ॥

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 कविता ॥ विश्व की उद्यान ॥ रचना _ उदय किशोर साह मो० पो० जयपुर जिला बाँका बिहार 9546115088 बहुत हो चुकी नफरत की खेती विश्व के इस उद्यान में प्रेम की बदली अब तो बरसो दुश्मनी के रेगिस्तान मे मार काट से उजड़ रही मानवता शांति हुआ शर्मसार है बारूदी ढेर को कह दो अलविदा अय बुद्धिजीवी वर्ग संसार के युद्ध प्रहार व विजय पताका इतिहास में सब बेकार है खून से रंगे जो अतीत के पन्ने कुछ भी गया नहीं साथ है जन कल्याण की फसल उपजाओ सींचों विश्व चमन को प्यार से खून खराबा बन्द करो अब ओ रसूखदार संसार के भाईचारा से महक जाये यह गुलशन बयार बहे अब प्यार के गोली बंदूक की होड़ मिटा दो फूल खिले अब प्यार के दोस्ती का सब कोई हाथ बढ़ाओ विश्व बंधुत्व की जुगाड़ में वैमनस्यता व बैर भाव को रूखसत हो इस संसार से जीयो और जीने दो जग को धरती सबकी है सब यार हो प्रेम भाव उपजाओ जग में सुख शांति की बह जाये बयार हाे। उदय किशोर साह मो० पो० जयपुर जिला बाँका बिहार 9546115088

बदलाव मंच द्वारा अखिल भारतीय हास्य हुड़दंग का आयोजन*

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 *बदलाव मंच द्वारा अखिल भारतीय हास्य हुड़दंग का आयोजन* अंतरराष्ट्रीय-राष्ट्रीय बदलाव मंच के पटल पर होली के अवसर पर धुलण्डी की रात्रि 8 बजे  से  2 बजे रात्रि तक अखिल भारतीय हास्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें देश के विभिन्न राज्यों से 30 साहित्यकारों ने भाग लिया। बदलाव मंच के संस्थापक दीपक क्रांति ने हास्य कवि सम्मेलन का सफल मंच संचालन किया.. अंतरराष्ट्रीय संचालक दीपक क्रांति ने कई गीतों को पैरोडी गीत स्टैंडअप कॉमेडी से लोगों को हंसाया तथा लालू यादव, नाना पाटेकर, सुनील शेट्टी,अक्षय कुमार,कई गायकों समेत अनेक फ़िल्मी हस्तियों  की आवाज़ में मिमिक्री कर शमा बांध दिया..   बदलाव मंच की राष्ट्रीय अध्यक्षा रूपा व्यास ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की तथा "मैं तेरे नाम हो जाऊं "मधुर गीत मुक्तक गाकर मन मोह लिया ।जबकि प्रकाश मधुबनी चन्दन ने व्यवस्थापन सह सञ्चालन में बेजोड़ साथ दिया..  हरियाणा के जिला रेवाड़ी के गाँव खालेटा के साहित्यकार भूपसिंह भारती ने अपनी हरयाणवी बोल्ली में होली पर हास्य कुण्डलिया "जीजा साली तै करै, खेलन की मनुहार" और "होली म्ह इब राखना, आपस म्ह डिस्टेंस&

धामपुर शिवसेना जिला कार्यालय पर शिवसेना कार्यकारिणी की बैठक हुई संपन्न

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 धामपुर शिवसेना जिला कार्यालय पर शिवसेना कार्यकारिणी की बैठक हुई संपन्न स्योहारा प्रहरी समाचार पत्र से मुरादाबाद मंडल प्रभारी सुनील कुमार की रिपोर्ट धामपुर - आज दिनाक 30/3/21 को शिवसेना जिला कार्यालय पर  शिवसेना की एक आवश्यक बैठक सम्पन्न हुई जिसकी अध्यक्षता हेमेंद्र चौहान (पूर्व मण्डल प्रमुख शिव सेना मुरादाबाद) ने किया व संचालन युवा शिवसेना जिला उपप्रमुख संयंम जैन ने किया ,बैठक में श्रीमति रश्मि ठाकरे पत्नी माननीय उद्वव ठाकरे (राष्ट्रीय प्रमुख शिव सेना एव मुख्यमंत्री महाराष्ट्र) जो कि कोरोना पीड़ित है उनके स्वस्थ होने की कामना की गई ,शिव सेना जिला प्रमुख (नगर) ने कहा जनपद बिजनौर के समस्त नगरो में शिव सेना की नीतियों को जन - जन तक पहुचाने का अभियान चलाएगी नगर की व्याप्त समस्याओ के निवारण हेतु शिवसेना जल्दी ही जन आंदोलन चलायेगी ,बैठक में शिवसेना जिला प्रमुख (नगर) विजय जैन ,संयंम जैन युवा शिव सेना जिला उप प्रमुख बिजनौर , ज्ञान प्रकाश ,प्रतीक वर्मा ,मुकुल सैनी , वीरेंद्र कारीगर ,संजय सैनी, सागर अग्रवाल ,आदि शिवसेना के कार्यकर्ता उपस्थित रहे l

शीर्षक-बिना आत्मीयता के

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 शीर्षक-बिना आत्मीयता के स्त्री चाहती है कि उसे सुना जाए पुरुष चाहता हैं कि उसका ध्यान रखा जाए विवाद के जब कारण बनते है ना तो स्त्री शिकायत में कहती है तुम सुनते नही हो मेरी पुरुष शिकायत में कहता है तुम मुझ पर ध्यान नहीं देती हो रोज़ रोज़ की इसी घिटपिट में दोनो ढल जाते है कुछ ऐसे स्त्री रहने लगती है मौन और पुरुष रहने लगता है व्यस्त स्त्री का प्रेम डूबने लगता है मौन की गहराईयों में पुरुष खोने लगता है प्रेम को भीड़ में,व्यस्तता में हां किसी मोढ़ पर यदी पुनः दोनों सजग होकर लौट पाऐं वापस  तो ठीक हैं वरना, बिगडा़ हुआ तालमेल,असंतुलन,असुरक्षा की वज़ह से गुज़र जाता हैं वक्त यूँहीं दोनों का प्रेम की आड़ में रहकर  अलग अलग बस दिखावें मात्र में, इस तरह जीकर ना जाने कैसे बीत जाती है उम्र यूँहीं  दोनों के रिश्ते की जीवन भर, ना जाने कैसे? बिना आत्मीयता के । दिव्या सक्सेना,वरिष्ठ साहित्यकार  कलम वाली दीदी,इंदौर मध्य प्रदेश

शीर्षक- होली

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 शीर्षक- होली प्रीति के रंग  में उमंग  सजा प्रिये, भंग के  संग है  लुभाए  ये होली। हिय  में  तरंगे  उठाये   कई  प्रिये, अंग अंग ग़ुलाल  लगाए ये होली। भंग के  उमंग  में  झूमें  सदाशिव, संग गौरा ग़ुलाल  उड़ाए है होली। कान्हा की  वंशी  राधा  धुन  गाए, प्रीति की रीति  सिखाए  ये होली। टेसू   फुले   और   मंजरी   महके, महुये की  गंध  लुभाए  ये  होली। राग   विराग  के   रंग   रगा  प्रिय, फागुन  में  फाग  सुनाए  है  होल। गावो  रे  फगुआ ग़ुलाल  लगाओ, कोई चुनरिया न  रह  जाये कोरी। प्रेम बढ़े हो  भाई  चारा  सभी  में, प्रीति की ज्योति जलाये ये होली। नीरजा बसंती,वरिष्ठ कवयित्री व शिक्षिका, स्वतंत्र लेखिका व स्तम्भकार,रुस्तमपुर- गोरखपुर-उत्तर प्रदेश 

रिश्ते को निभाना है

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 रिश्ते को निभाना है  ----------------------------------- रिश्ता ही जीवन का सार है,  रिश्ता  ही  तो जगताधार है । रिश्ता  नहीं है जीवन में  तो, समझें  जीवन  निराधार है । जीवन का  उत्कर्ष  बड़ा है ,  जीवन रिश्ता पर ही खड़ा है । कहते  सभी  अनेकों  बातें , पर यह रिश्ता  सबसे बड़ा है  । होली  की यह मधुमय टोली,  निकली  गाते रसमय होली । अंतस  का मन -मैल भुलाकर,  फिर करते हैं सभी ठिठोली  । इस पर्व के पावन गौरव को, मिलजुल कर हमें बचाना है । रक्षा कर अपनी संस्कृति को,  हरपल रिश्ते को निभाना है । होलिकोत्सव की अनंत शुभकामना के साथ आपको मेरी यह रचना सादर, सस्नेह भेंट ।

कविता ॥ होली की संदेश ॥

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 कविता ॥ होली की संदेश ॥ रचना _ उदय किशोर साह मो० पो० जयपुर जिला बाँका बिहार 9546115088 होली की रंग में जो बरसता है प्रेम रंग उस रंग में खुद को रंगा लीजीये दिल में नफरत की चिंगारी जो सुलग रही है अब तक इस चिंगारी को रंग से बुझा लीजीये ईष्या द्वेष जो समाज में घुल रही है घर घर इस जहर को हो सके तो मिटा दीजीये जीवन खुशी का तोहफा  है अगर इस तोहफा को गले से लगा लीजीये जीवन को खुशी की डगर पे ले चलो जीवन को खुशी की बहार दीजीये गुस्सा व गम जीवन को खोखला करता है अगर इस गुस्से को समन्दर में डुबो दीजीये जीवन में खुशहाली देखना चाहता है अगर जीवन में इन्सानों की कद्र कीजीये जीवन के सफर में मानवता बने हमसफर एसी सफर में जीवन को उतार लीजीये। उदय किशोर साह मो० पो० जयपुर जिला बाँका बिहार 9546115088

शीर्षक-आओ हे सुकुमार

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 शीर्षक-आओ हे सुकुमार  बीत  रहा   ये  जीवन प्रतिपल, सूर्य  उदित  होता  ए प्रतिदिन। मेरी    राते     बीते   दिन  गिन, अब तक दिखी न किरण कोई।  नही सुनी कोई कण्ठ कोकिला, हुआ   नही  आभास  गति  का, जो      जीवन      देगा     तार। आओ हे सुकुमार-------- घर   का   मेरे    आङ्गन    सूना, जीवन   मांगे   चन्द्र   खिलौना। खेले    ओ   पर    हम   खेलाए, कठपुतली   सा   नाच   नचाए। जिसकी मृदुल मुकुन्द हंसी संग, पाऊ    मै     तिमिर    से   पार। आओ हे सुकुमार------------- हृदय  प्रेम  अब  कही  गुप्त  है, सम्बन्धों    मे   स्नेह   लुप्त   है। तेरे     आने    के    विलम्ब   से, जीवन    राग    वसंत  सुप्त  है। काल   चक्र   की  द्रुत  गति  से,  यह    जीवन   ना   जाये   हार। आओ हे सुकुमार---------- प्रतिक्षण कल्पित दिवास्वप्न की, बूँद  बूँद  जुड़  लहर  बने  जब। करूँ  प्रतीक्षा  नव  प्रभात  की, होगा उदित  नवल-नीरज  कब। कब  बोले  वह  कंठ  कोकिला, हो   परिपूर्ण   नीड़   मेरा   तब। तभी  तीब्र   पीड़ा   के  लहू  से, हुआ    स्वप्न   यह    तार - तार। आओ हे सुकुमार------------- महिमा तिवारी,नवोदित गीतकार  कवयित्री व

होली जोगिरा

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 होली जोगिरा होली का फैला देखो, चारो ओर हुड़दंग,  कोरोना ने बदल दिया, होली मिलने का ढंग।  जोगिरा सारा रा रा रा-2 होली है त्योहार साल का, जले बुराई आँच,  सीख कहानी से जीवन में, सब अपनाओ साँच।  जोगिरा सारा रा रा रा-2 मिलना हुआ है दूभर, बाहर वालों से आज,  घर वालों संग खेलो होली, दूर करो सब राज।  जोगिरा सारा रा रा रा-2 चला कोरोना पिछली होली से, पहुँचा सकल संसार,  इस होली में फिर रंग बदला, बैठा पाँव पसार।  जोगिरा सा रा रा रा रा-2 भरि भरि के चले मिठाई, होली के मिलान,  खाई गुझिया गुलगुला, गावे फगुवाई गान।  जोगिरा सारा रा रा रा-2 सरिता त्रिपाठी लखनऊ, उत्तर प्रदेश स्वरचित

बुद्ध के रंग में रंगें हम /

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 बुद्ध के रंग में रंगें हम / अकुशल द्वेष ईर्ष्या घृणा गर्व है गोली त्याग चतुष्टय-दोष, बोलो मीठी बोली बुद्ध वचन से भरे, तुम्हारी ज्ञान-झोली संग रंगमंच पर झूमी-झूमी नाचे टोली भक्तिरस में भींगी, करें हँसी-ठिठोली उमंग-तरंग और रंगों का पर्व है होली। ©गोलेन्द्र पटेल  छात्र , काशी हिंदू विश्वविद्यालय , वाराणसी।

शहर में सजीं होलिकाएं, आज होगा दहन

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 *शहर में सजीं होलिकाएं, आज होगा दहन                                                 आकाश कर्णवाल चांदपुर:-*  शहर व नगर में विभिन्न स्थानों पर होलिका सजाई जाने लगी है। रविवार की रात शुभ मुहूर्त में होलिका दहन किया जाएगा। संवेदनशील होलिका स्थलों पर पुलिस कर्मियों की ड्यूटी लगा दी गई है।  शहर के कई स्थानों पर होलिका दहन किया जाएगा। इन सभी जगहों पर होलिका सजाई जा रही है। वहां पुलिस को अलर्ट किया गया है। ऐसे होलिका स्थलों के पास सुरक्षा के लिए पुलिस की ड्यूटी लगा दी गई है। शहर में स्याऊ, शिवलोक कालोनी, दयाविहार कालोनी, बाजार बजरिया, ढाली बाजार, मंडी कोटला, विवेक नगर आदि    स्थानों पर विशेष सुरक्षा रहेगी। कोतवाली प्रभारी पंकज तोमर जी के अनुसार होली पर्व पर सुरक्षा इंतजाम सख्त रहेंगे। संवेदनशील इलाकों पर विशेष ध्यान रखा जाएगा। सभी लोग कोविड के नियमों का पालन करते हुए होली का पर्व आपसी भाईचारा के साथ मनाएं।                                                                         *ये रहेगा होलिका दहन का शुभ मुहूर्त*   पंडित रविन्द्र भारद्वाज संघर्षी जी के अनुसार इस बार प्रदोष काल में भद्रा का

शीर्षक- आओ होली मनाएँ

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 शीर्षक- आओ  होली  मनाएँ  जग की रीत में हम अपनी रीत बनाएं, रंग और गुलाल से अपनी प्रीत बढ़ाएं!! तन पर  रंग के छीटों की रंगकारी हो, हाथ में  स्नेह अबीर से भरी पिचकारी हो!! बह जाए पानी के संग सबके मन का मैल, रंग जाए खुशियों से सबके जीवन के बोल!! नफरत की दीवार ढहाकर प्रेम फैलाएं,  सबको गले लगाकर भेदभाव मिटाएं !! आज मन में छल - कपट एक पल ना लाएं, दिल को पावन करके आओ होली मनाएं!! मौलिक  आभा सिंह  लखनऊ उत्तर प्रदेश

होली पर बरतें सावधानी आंखों को न हो परेशानी

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 *होली पर बरतें सावधानी आंखों को न हो परेशानी                                                          आकाश कर्णवाल चांदपुर:-*  होली के त्योहार में लोग जमकर रंग खेलते हैं, लेकिन इस दौरान सावधानी भी बरतने की जरूरत है। अक्सर होली खेलते समय रंग आंखों में चला जाता है। इन रंगों में ऐसे खतरनाक केमिकल होते हैं, जो आपकी आंखों के लिए हानिकारक हो सकते हैं। यह रेटिना और कॉर्निया को क्षतिग्रस्त कर आंखों की रोशनी भी छीन सकते हैं। डाक्टर आकाश दीप जी कहते हैं कि केमिकल युक्त रंगों से आंख से पानी आने लगता है। साथ ही चुभन और जलन होने लगती है। कई बार सूजन भी आ जाती है। ऐसा होने पर आंख को बार-बार साफ पानी से धोना चाहिए। आंखों को मसलने से बिलकुल बचना चाहिए। ज्यादा दिक्कत होने पर तत्काल नेत्र रोग विशेषज्ञ की सलाह लेनी चाहिए।                                                             *अब पहले जैसे हुड़दंग कहां..*  होली आपसी भाईचारा बढ़ाने और मेल-मिलाप का त्योहार है। पहले यह हर्ष उल्लास और उमंग के साथ मनाया जाता था। पहले लोग टोलियां बनाकर होलिका दहन की तैयारी करते थे। होली जलाने के लिए घरों से लकड़ी इकट्ठी की

शीर्षक-होली

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 शीर्षक-होली खेलो    हमारे    संग   होली,  आओ  रे  मिलके  हमजोली। आया   फागुन  माह  सुहाना, चलेगा  अब न  कोई  बहाना। एक एक  को ढूँढ  के रसिया, पकड़  पकड़ के रंग  लगाना। अरे   भीगी   रे  चूनर   चोली, आओ  रे मिलके  हम जोली। लाल   हरा  नीला   पीला   है, अंग   अंग   मेरा    गीला   है। पर  है  इन   रंगों   से  पक्का,  प्रेम  रंग   बड़ा  चटकीला  है। दिल     पे     बनाए    रंगोली, आओ  रे  मिलके हम जोली। छलिया   ने   पकड़ी   कलाई, युक्ती   कोई   काम   न  आई। ग्वाल सखा से  घिर गयी राधे, होली   खेलें   कृष्ण   कन्हाई। सब    मिलि    करें   ठिठोली, आओ  रे  मिलके  हम जोली। राधे बोली मोहे रंगदे संवरिया, तन मन संगरंग मोरी चुनरिया। प्रीत का  रंग  कबहूँ  नहीं छूटे, धोबी धोए चाहे सारीउमरिया। समझ   न   मोहे   बड़   बोली, खेलो रे  मिलके  हम   जोली। बूढ़ा   जाड़ा      लेत    विदाई, बगियन  में   महकी   अमराई। कली  कली पर  यौवन  उतरा, बहकी   चाल    चले   पुरवाई। लागे    धरा      बड़ी     भोली, आओ रे  मिलके  हम  जोली। पुष्पलता लक्ष्मी,वरिष्ठ गीतकार कवयित्री  व शिक्षिका,स्वतंत्र लेखिका व स्तम्भकार, रायबरेली-उत

एएसपी अनित कुमार को अरुण कुमार वर्मा ने सम्मानित

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एएसपी अनित कुमार को अरुण कुमार वर्मा ने सम्मानित  स्योहारा।जाने माने समाजसेवी व व्यापारी नेता अरुण कुमार वर्मा ने आज एएसपी अनित कुमार पूर्वी को उनके कार्यलय पहुंचकर उनके उत्कृष्ट कार्यो के लिए शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया,साथ ही अपील करते हुए  कहा कि व्यापारी देश की आर्थिक रीड है जिसकी सुरक्षा उतनी ही ज़रूरी है जितनी देश की सुरक्षा,अरुण वर्मा ने आगे कहा कि  इस समय चुनावी सीज़न है सभी व्यापारियों के निजी असलहे जमा है इसलिए इस समय व्यापारिक प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के ज़रूरी व ठोस कदम उठाएं जाएं,जिस पर एएसपी अनित कुमार ने व्यापारियों की पूर्ण सुरक्षा  का भरोसा अरुण वर्मा व सम्पूर्ण व्यापारी वर्ग को दिलाया।