शीर्षक- आओ होली मनाएँ
शीर्षक- आओ होली मनाएँ
जग की रीत में हम अपनी रीत बनाएं,
रंग और गुलाल से अपनी प्रीत बढ़ाएं!!
तन पर रंग के छीटों की रंगकारी हो,
हाथ में स्नेह अबीर से भरी पिचकारी हो!!
बह जाए पानी के संग सबके मन का मैल,
रंग जाए खुशियों से सबके जीवन के बोल!!
नफरत की दीवार ढहाकर प्रेम फैलाएं,
सबको गले लगाकर भेदभाव मिटाएं !!
आज मन में छल - कपट एक पल ना लाएं,
दिल को पावन करके आओ होली मनाएं!!
मौलिक
आभा सिंह
लखनऊ उत्तर प्रदेश
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