शीर्षक - एक अगर तुम मुझको
दिनांक 01/09/022(गुरुवार) ------------------------------------------------ शीर्षक - एक अगर तुम मुझको -------------------------------------------------- एक अगर तुम मुझको नहीं मिले। कोई गम नहीं मुझको कोई दर्द नहीं।। तुमसे भी बढ़कर वफादार बहुत है। एक तुम ही जगत में हमदर्द नहीं।। एक अगर तुम ----------------।। तुम खुशनसीब हो, तुमसे प्यार किया। तुमको दी इज्जत , तुमको मान दिया।। अब चाहे मुझको मानो अपना दुश्मन। कोई डर नहीं, मुझको कोई दुःख नहीं।। एक अगर तुम ------------------।। नभ में गूंजेंगे मेरे नगमें कल को। करोगे मुझे याद ,तुम बहुत कल को।। तेरी डोली से भी अच्छा होगा मेरा जनाजा। भुलायेंगे लोग मुझको कल को नहीं।। एक अगर तुम -----------------------।। किसने की किससे यहाँ बेवफाई। कौन बेखबर है, कौन हरजाई।। होंगे तुम्हारे दीवानें बहुत भी। वफादार मुझसे बढ़कर होंगे नहीं।। एक अगर तुम ---------------------।। शिक्षक एवं साहित्यकार- गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) मोबाईल नम्बर- 9571070847