शीर्षक - इस तरहां धीरे-धीरे

 दिनांक 27/08/022(शनिवार)

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शीर्षक - इस तरहां धीरे-धीरे


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इस तरहां धीरे - धीरे, हो गया है हाल यह।

अंजाम आगे क्या होगा, राज है अभी यह।।

इस तरहां धीरे- धीरे------------------------।।


तुझमें है ऐसी क्या खूबी, मैं जानता नहीं हूँ।

तुझमें हो कोई कमी, यह मैं मानता नहीं हूँ।।

रहने लगा हूँ तुझमें खोया, कैसा है दिल यह।

अंजाम आगे क्या होगा, राज है अभी यह।।

इस तरहां धीरे- धीरे-------------------------।।


कह लो मुझको कुछ भी, सच्चाई तो यही है।

मेरे दिल को तुम पसंद हो, शक इसमें नहीं है।।

आते हैं ख्वाब तुम्हारे ही,कैसा है प्यार यह ।

अंजाम आगे क्या होगा, राज है अभी यह।।

इस तरहां धीरे- धीरे-------------------------।।


अंजान तुम भी नहीं हो, कहता रहा हूँ तुमसे।

चाहता हूँ तुमको कितना, रिश्ता है कैसा तुमसे।।

तेरे बिन रह नहीं सकूँगा, चाहत है कैसी यह।

अंजाम आगे क्या होगा, राज है अभी यह ।।

इस तरहां धीरे- धीरे--------------------------।।





शिक्षक एवं साहित्यकार-

गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद

तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

मोबाईल नम्बर- 9571070847

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