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Showing posts from September, 2021

बेटी दिवस पर 'नव साहित्य परिवार भारत' का संगीता के ई संकलन 'शब्दोपहार' का विमोचन सम्पन्न*

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 *बेटी दिवस पर 'नव साहित्य परिवार भारत' का संगीता के ई संकलन 'शब्दोपहार' का विमोचन सम्पन्न*      नव साहित्य परिवार भारत के संस्थापक एवं अध्यक्ष आ.अमित कुमार बिजनौरी जी की दृढ़ इच्छाशक्ति, अदम्य उत्साह एवं अथक परिश्रम से संकलित "शब्दोपहार" ई काव्य पुस्तक श्रृंखला के द्वितीय संकलन का आनलाइन विमोचन 26 सितंबर को वरिष्ठ कवि एवं साहित्यकार आदरणीय सुधीर श्रीवास्तव जी के कर कमलों से उल्लासपूर्ण वातावरण में सम्पन्न हुआ।           अबूहलीफा, कुवैत निवासी(मूलतः म.प्र.,भारत) कवयित्री और नव साहित्य परिवार की वरिष्ठ सदस्या आ. संगीता चौबे पँखुड़ी जी को साहित्यिक संस्था 'नव साहित्य परिवार भारत' ने 26 सितंबर को उनके जन्मदिन पर उनकी रचनाओं के ई काव्य संकलन "शब्दोपहार" का विमोचन कराकर उन्हें शानदार /यादगार तोहफा दिया है।             पुस्तक का विमोचन करते हुए आदरणीय सुधीर श्रीवास्तव जी ने बताया कि यह पुस्तक आदरणीय अमित कुमार बिजनौरी जी के अथक परिश्रम और चिंतन से तैयार कर दी गई। श्री श्रीवास्तव जी ने श्रीमती संगीता  को जन्मदिन की हार्दिक बधाइयाँ देते हुए उनकी लेखनी

*वैदिक ऋचाओं से अनुगूँजित वातावरण में 'नव साहित्य परिवार भारत' द्वारा सम्पादित ई पुस्तक 'शब्दोपहार' का विमोचन सम्पन्न*

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 *वैदिक ऋचाओं से अनुगूँजित वातावरण में 'नव साहित्य परिवार भारत' द्वारा सम्पादित ई पुस्तक 'शब्दोपहार' का विमोचन सम्पन्न*      नव साहित्य परिवार भारत के संस्थापक एवं अध्यक्ष आ.अमित कुमार बिजनौरी जी की दृढ़ इच्छाशक्ति, अदम्य उत्साह एवं अथक परिश्रम से संकलित "शब्दोपहार" ई काव्य पुस्तक श्रृंखला के प्रथम संकलन का विमोचन 18 सितंबर को वरिष्ठ कवि एवं साहित्यकार आदरणीय हंसराज सिंह "हंस" के कर कमलों से वैदिक मंत्रोच्चार से अनुगूँजित सुन्दर वातावरण में सम्पन्न हुआ।           तोपा, रामगढ़, झारखंड की युवा कवयित्री और नव साहित्य परिवार भारत की निदेशिका श्रीमती ममता मनीष सिन्हा जी को साहित्यिक संस्था 'नव साहित्य परिवार भारत' ने 18 सितंबर को उनके जन्मदिन पर उनकी रचनाओं के ई काव्य संकलन "शब्दोपहार" का शानदार तोहफा दिया है।             पुस्तक का विमोचन करते हुए आदरणीय हंसराज सिंह "हंस" जी ने बताया कि यह पुस्तक आदरणीय अमित कुमार बिजनौरी जी के अथक परिश्रम से मात्र एक दिन में ही तैयार कर दी गई। श्री हंस जी ने श्रीमती सिन्हा को जन्मदिन की हार्दिक

*जम्भू -कश्मीर में आतंकियों से लड़ते हुए शहीद हुए मेरठ के नौजवान मेजर मयंक विश्नोई को कंपनी बाग स्थित शहीद स्मारक में सोशल फाउंडेशन ने दी भावभीनी श्रद्धांजलि*!

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 *जम्भू -कश्मीर में आतंकियों से लड़ते हुए शहीद हुए मेरठ के नौजवान मेजर मयंक विश्नोई को कंपनी बाग स्थित शहीद स्मारक में सोशल फाउंडेशन ने दी भावभीनी श्रद्धांजलि*! कंपनी बाग में उपस्थित डॉ अनुज अग्रवाल सहित अनेक वक्ताओं ने कहा कि मंयक विश्नोई  राष्ट्र के लिए शहीद हुए हैं उनका नाम हमेशा के लिए अमर हो गया है । जम्मू कश्मीर के शोपियां में पिछले दिनों हुई गोलीबारी में दुश्मनों से लोहा लेते हुए कुछ गोलियां उनके लग गई थी , जिसके कारण वे भारत मां की गोद में सो गए उनकी बहन तनु गुप्ता मुरादाबाद में ही शिक्षिका है तथा सदैव राष्ट्र के लिए समर्पित रहती हैं । फाउंडेशन के सदस्यों ने कैंडल जलाकर मेजर मयंक विश्नोई को श्रद्धांजलि अर्पित की कार्यक्रम में डॉ अनुज अग्रवाल, सुदेश भटनागर ,गौतम सिंह, अनिता चतुर्वेदी ,अंशी भटनागर ,नीता भटनागर , नेपाल सिंह पाल , डॉ भारत भूषण , सचि गुप्ता , नीता भटनागर , रविता पाल ,देवेन्द्र सिंह जट राणा ,किट्टू राजपूत आदि उपस्थित रहें । शुभम कुमार सुगम प्रहरी संवाददाता की रिपोर्ट ।

गणेश चतुर्थी के अवसर पर पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन

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 *गणेश चतुर्थी के अवसर पर पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन                                                                                 आकाश कर्णवाल चांदपुर* :- एसपी कॉन्वेंट सीनियर सेकेंडरी पब्लिक स्कूल, तिगरी (चाँदपुर) में  गणेश चतुर्थी के शुभ अवसर पर पेंटिंग/ड्रॉइंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें कक्षा 1 से 10 तक के बच्चों ने भाग लिया। बच्चों ने कई सुंदर सुंदर चित्र बनाकर व रंग भरकर अपनी कला का प्रदर्शन किया। हर कक्षा से 1-1 विजेता घोषित किया गया और उनको मेडल और सर्टिफ़िकेट द्वारा सम्मानित किया गया। इस मौके पर स्कूल के अध्यक्ष श्री मनोज कुमार अग्रवाल और मैनेजर श्री अनंत अग्रवाल ने सभी बच्चों को बधाई दी और आगे और भी ऐसी कई प्रतियोगिता आयोजित करवाने को कहा। स्कूल के प्रधानाचार्य श्री बाहर आलम ने बच्चों को प्रोत्साहित किया। इस अवसर पर हिंदू बच्चों के साथ साथ मुस्लिम बच्चों ने भी  बहुत खूब प्रदर्शन किया और धार्मिक एकता का उदाहरण सेट किया। प्रतियोगिता की तैयारी कराने व सफल बनाने में समस्त स्टाफ़ का बड़ा योगदान रहा।  जिसमें आरोही, जियान, माही जिंदल, ज़ुलफ़ा, दिव्यांशी, दीक्षित , रिय

*गजानन*

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 *गजानन* शिव गौरी पुत्र,अस्थिर अति चंचल, अनगिनत रूप,अनगिनत नाम। अतुल्य मनमोहक, मनोरम छवि, आकृति अनोखी गज सामान।।  परम शक्तिशाली, अद्भुत स्वरूप, विराट, सम्राट, असीम विवेकशील। हर नाम यथार्थ, सार्थक, सुमुख विकट लंबोदर व कपिल।। हर शुभारंभ जिनकी स्तुति से, हर उद्घाटन उनके नाम से। माता-पिता की परिक्रमा ही है तीर्थ, तुलना में चारों धाम के।। अपने ज्ञान की ज्योति से, दूर किया अज्ञानता के अंधेर को। तोड़कर अहंकार भौतिक सुखों का, दंभ मुक्त किया कुबेर को।। उनकी लीला व जीवनकाल की प्रेरणा, भक्तों के सदा समक्ष है, ज्ञान अमृत का स्रोत है धूम्रकेतु, सर्वव्यापी गणाध्यक्ष है।।  जीवन में स्फूर्ति का संचार, सुख समृद्धि जैसे अनंत है। वह न्यायप्रिय न्यायाधीश, वह गणपति बप्पा, एकदंत है।। मनमोहक प्रतिमा, अप्रतिम छवि, सूरत इतनी प्यारी है। महा प्रतापी, सर्वप्रिय व ज्ञानी, मूषक इनकी सवारी है।। वह विजय की अडिग नींव, द्वेष,नकारात्मकता का समापन है। गजकर्ण हमारे अद्वितीय अनुपम, वह भालचंद्र, विघ्ननाशक गजानन है। प्रो.आराधना प्रियदर्शनी  स्वरचित व मौलिक  हजारीबाग  झारखंड

गजानन महाराज*

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 *गजानन महाराज* भाद्र शुक्ल की चतुर्दशी, मनत है गणपति त्योहार। सवारी प्रभु का मूषक डिंक मोदक उनका प्रिय आहार ।। उमा सुत है प्रथम पूज्य, प्रभु गजानन महाराज। ऋद्धि सिद्धि संग पधार, पूर्ण करो मेरे सब काज। मोदक संग चढ़े जिन्हे, दूर्वा, शमी, पुष्प लाल। हे लंबोदर ! सिद्धिविनायक ! आए हरो मेरे सब काल।। हे ऋद्धि, सिद्धि के दायक, हे  एकदंत !  हे विनायक ! गणेश उत्सव पर पधार, बनो हमरे सदा  सहायक।। बप्पा गणपति पूजा हेतु, दस दिवस को आए । पधार पुत्र शुभ लाभ संग, सारी खुशियां संग लाए।। फूल, चंदन संग अक्षत, रोली, लिए हाथ जोड़ करते वंदन। हे गणाध्यक्ष!, हे शिवनंदन !, स्वीकार करो मेरा अभिनन्दन।। *अंकुर सिंह* हरदासीपुर, चंदवक  जौनपुर, उ. प्र. -222129. मोबाइल - 8367782654. व्हाट्सअप - 8792257267.

मतदाता जागरूकता कार्यक्रम के जनपदीय नोडल अधिकारी बनाए गए*

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 *मतदाता जागरूकता कार्यक्रम के  जनपदीय नोडल अधिकारी बनाए गए*                     डॉ अनुज अग्रवाल को जनपद भर में भारत निर्वाचन आयोग एवं उत्तर प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग के कार्यक्रमों को गति देने के लिए तथा सुव्यवस्थित मतदाता शिक्षा एवं निर्वाचक  सहभागिता कार्यक्रम  के सफल क्रियान्वयन हेतु राजकीय इंटर कॉलेज मानपुर के प्रधानाचार्य डॉ अनुज अग्रवाल को जनपद का नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है ।इससे पूर्व भी वह 2019 के लोकसभा चुनाव में जनपद भर के सीबीएसई आईसीएसई एवं यूपी बोर्ड से संबंधित अनेक विद्यालयों में अवेयरनेस कैंपेन चला चुके हैं। जिसके कारण जनपद में लोकसभा के चुनाव में मतदान में के प्रतिशत में वृद्धि आंकी गई थी उनके इस कार्य को जिलाधिकारी एवं अन्य प्रशासनिक अधिकारियों ने भी सराहा था । अब उन्हें फिर से यह जिम्मेदारी दी गई है।  शुभम कुमार सुगम प्रहरी संवाददाता की रिपोर्ट ।

रिश्तों की दूरियां-नजदीकियां

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 रिश्तों की दूरियां-नजदीकियां ************************* रिश्तों का महत्व  लंबी दूरियों से नहीं मन की दूरियों से होता है, अन्यथा माँ बाप और  घर के बुजुर्गों के लिए वृद्धाश्रम पड़ाव नहीं होता। अपने सगे रिश्तों में भी भेदभाव क्यों होता? भाई भाई का दुश्मन क्यों बनता बहन भाई में भी फासला कहाँ होता? अब तो सगे रिश्ते भी  खून के प्यासे बन जाते जाने कितने बाप, बेटे, भाई, बहन अथवा पति या पत्नी के हाथ अपनों के खून से ही क्यों रंगे होते? माना कि ये अपवाद होंगे फिर अंजान लोगों में भी तो प्रगाढ़ रिश्ते अपनों की तरह बन जाते हैं, जाति धर्म मजहब से दूर एक दूसरे की खुशियों की खातिर क्या कुछ नहीं कर जाते हैं। लंबी दूरी के रिश्ते भी तो इतिहास बना जाते हैं। अब तो आभासी दुनियां के भी रिश्तों का नया दौर चल रहा है, कुछ कटु अनुभव भी कराते हैं  तो कुछ रिश्तों की मर्यादा और मान, सम्मान, अधिकार,  कर्तव्य की बलिबेदी पर अपने को दाँव पर लगा देते हैं, अपनी जान तक दे देते रिश्तों का क्या महत्व है? दुनियां को बता जाते। रिश्तों में दूरियां बहुत हों मगर समय आने पर बेझिझक नजदीकियों का अहसास करा जाते रिश्तों का मान बढ़ा जाते।

जिद प्रवृति नहीं

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 जिद प्रवृति नहीं  अयाचित उपहार है स्त्रियों का  जिससे वो बचाना चाहती हैं  खुद को  तुझमे थोड़ा थोड़ा  वो संभाल लेना चाहती हैं  कई निरर्थक वाक्यों से  एक सार्थक शब्द । रोपना चाहती हैं  उसर और बेतरतीब  जगह पर कुछ सुघड़ता। बांटना चाहती है  हठ के भीतर पसरी कोमलता। वो जिद से  ही  भंग करती हैं  सन्नाटों की तन्द्रा  पर जब भी तुम  घोर महत्वकांक्षी बन  नजरअंदाज करते हो उनकी जिद   तो फिर जिद नहीं करती स्त्रियां  करती हैं तो केवल  स्वयं से एक अवगुंठीत युद्ध। और तब भी खुले रहते हैं  उनके उद्भट हृदय द्वार  जिसमें प्रवेश लेती है  तुम्हारी इच्छायें  तुम्हारी सुरक्षा  तुम्हारी आत्ममुग्धता  बस नहीं प्रवेश कर पाते,  तो केवल तुम। क्षमा शुक्ला  औरंगाबाद-बिहार

*हिंददेश परिवार की लखनऊ इकाई का भव्य उद्घाटन समारोह सम्पन्न: आर्तिका श्रीवास्तव बनी अध्यक्षा*

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 *हिंददेश परिवार की लखनऊ इकाई का  भव्य उद्घाटन समारोह सम्पन्न: आर्तिका श्रीवास्तव बनी अध्यक्षा* हिन्ददेश परिवार संसार को सुन्दर और खुशहाल बनाने के लिए दृढ़ संकल्पित है। साहित्य के माध्यम से इस पवित्र कार्य को किया जा रहा है। संसार के कई देशों में इसकी इकाइयों का गठन हुआ है जिससे इस काम को और द्रुत गति से किया जा सकें। इस संस्था की संस्थापिका और अंतरराष्ट्रीय अध्यक्षा - डॉ. अर्चना पाण्डेय "अर्चि "जी है। आ.इंदु उपाध्याय "संचिता" जी अंतरराष्ट्रीय संयोजिका तथा डॉ.राजेश कुमार पुरोहित जी अंतरराष्ट्रीय मीडिया प्रभारी है। आ.बजररंग केजड़ीवाल जी एवं पुष्पा बुकलसरिया जी महासचिव हैं।आ. मधुकर राव लारोकर जी प्रभारी एवं आ.हंसराज सिंह "हंस" जी वरिष्ठ एवं सक्रिय सदस्य हैं जिनकी देखरेख में समस्त कार्यक्रम सुचारू रूप से संचालित किया गया। इसके अलावा देश विदेश के अनेकों लोग इस संस्था से जुड़कर संसार की भलाई के लिए कार्य कर रहे हैं। इस संस्था का मुख्यालय असम राज्य के डिब्रूगढ़ जिले में है।          इसी क्रम में आज नवाबों की नगरी में "हिन्ददेश परिवार लखनऊ  इकाई" का उद्घाट

शिक्षक*

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 *शिक्षक* प्रणाम उस मानुष तन को, शिक्षा जिससे हमने पाया। माता पिता के बाद हमपर,  उनकी है प्रेम मधुर छाया।। नमन करता उन गुरुवर को, शिक्षा दें मुझे सफल बनाए।। अच्छे  बुरें  का  फर्क  बता, उन्नति का सफल राह दिखाए।। शिक्षक अध्यापक गुरु जैसें, नाम अनेकों मानुष तन के, कभी भय, कभी प्यार जता, हमें जीवन की राह दिखाते।। कभी भय, कभी फटकार कर, कुम्हार भांति रोज़ पकाते। लगन और अथक मेहनत से, शिक्षक हमें सर्वश्रेष्ठ बनाते। कहलाते है शिक्षक जग में, बह्म, विष्णु, महेश से महान। मिली शिक्षक से  शिक्षा हमें जग में दिलाती खूब सम्मान।। शिक्षा बिना तो मानव जीवन, दुर्गम, पीड़ित और बेकार। गुरुवर ने हमें शिक्षा देकर, हमपर कर दी बहुत उपकार।। अपने शिष्य को सफल देख, प्रफुल्लित होता शिक्षक मन। अपने गुणिजन गुरुवर को मैं, अर्पित  करता  श्रद्धा सुमन।। *अंकुर सिंह* हरदासीपुर, चंदवक  जौनपुर, उ. प्र. -222129. मोबाइल - 8367782654. व्हाट्सअप - 8792257267.

*“राष्ट्रीय नव साहित्य कुंभ" श्रावस्ती उ० प्र०का स्थापना दिवस कार्यक्रम*

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 *“राष्ट्रीय नव साहित्य कुंभ" श्रावस्ती उ० प्र०का स्थापना दिवस कार्यक्रम*            (सुधीर श्रीवास्तव)   दिनाँक 22 अगस्त से 31 अगस्त तक साहित्यिक संस्था "नव साहित्य कुँभ श्रावस्ती उ.प्र. के स्थापना दिवस के रूप में वार्षिकोत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया गया। जिसमें देश के विभिन्न प्रान्तों से विविध रस के कवियों ने इस समारोह में अपनी उपस्थिति दर्ज की और अपनी रचनाओं से पटल को गौरवान्वित किया।       उक्त कार्यक्रम 22 अगस्त 2021से 31 अगस्त तक अनवरत 10 दिनों तक ऑनलाइन चलता रहा। समारोह में कुल 125 कवियों ने काव्य पाठ किया। सभी कवियों को “नव कुंभ साहित्य” सम्मान से सम्मानित किया गया। इस एक वर्ष में अब तक संस्था द्वारा संचालित कार्यक्रमों में दैनिक गतिविधियों की बात करें तो   काव्य पाठ,गीत संगीत,और व्याख्यान,कार्यशाला, आडियो/वीडियो रचनकारों की प्रतियोगिता आदि शामिल हैं। 22 अगस्त 2020 से अब तक 1 वर्ष में 500 से अधिक  साहित्यकार कवि मित्र पाठ कर चुके हैं। इन सभी भाग लेने वाले सभी कवियों को संस्था द्वारा सम्मानित किया गया। संस्था के संस्थापक आ.रामस्वरूप प्रीतम श्रावस्तवी और सह संस्थापक व रा०

आज बाबा क्यू इंतजार नहीं किए मेरा (संस्मरण)*

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 *आज बाबा क्यू इंतजार नहीं किए मेरा (संस्मरण)*          13 फरवरी 2020 की आखिरी मुलाकात मैं लखनऊ में था, पता चला पूर्व शिक्षा और चिकित्सा मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार ओमप्रकाश श्रीवास्तव बाबा (जिन्हे बाबा कह के बुलाया आजीवन मैने, बाबा के कारण ही मैं और मेरा परिवार पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर जी के करीब रहा है।)  लखनऊ में है। तुरंत बाबा को फोन मिलाया बाबा मिलना है आपसे बोले आ जाओ, एड्रेस नहीं था बाबा 90 साल की उम्र में मुझे, कभी ऑटो वाले को बार बार पता बता रहे थे। जैसा तैसे पहुंचा दोपहर के 2.30 के आस पास। पहुंचते ही बाबा ने कहा अंकुर बैठो खाना खा लो, मैने कहा बाबा मैंने खा लिया है। अंदर से बुआ (उनकी बेटी) की आवाज आई की बाबू जी भी नहीं खाएं अभी तक, बोले अंकुर आ रहा है साथ में खायेंगे। मेरे आखों में आसूं भर गए बाबा का प्रेम देख की जो आदमी देश के तीन तीन प्रधानमंत्री के करीब रहा हो और 90 साल में मेरा इंतजार , अपनी गलती पर अहसास कर बैठ गया, बाबा के साथ खाना खाने। उसके बाद हाल चाल बाबा का राजनीतिक स्मरण (इंजिनियरिंग समय में भी जब पता चलता बाबा जौनपुर में है और क्लास नहीं चलता तो निकल लेता बाबा