शीर्षक - ऐसा अगर नहीं होता
शीर्षक - ऐसा अगर नहीं होता
-------------------------------------------------------
ऐसा अगर नहीं होता, ऐसा नहीं होता।
फासला हम दोनों में ,ऐसा नहीं होता।।
ऐसा अगर नहीं होता--------------------।।
मेरी खता क्या थी, साथ जो मेरा छोड़ा।
क्या कमी थी मुझमें, मुहँ जो तुने मोड़ा।।
कर दिया है तुमने तो, खूं मेरे विश्वास का।
इससे पहले तुमने मगर, पूछा तो होता।।
ऐसा अगर नहीं होता---------------------।।
क्या नहीं किया मैंने, तेरे लिए यार कभी।
तुमसे ही जुड़े थे, मेरे सपनें दिलबर सभी।।
तोड़ने से पहले दिल, देखा होता शीशे को,
और मुझसे बेखबर ,यदि ऐसे नहीं होता।।
ऐसा अगर नहीं होता---------------------।।
मैंने दुश्मनी की है, तुम्हारे लिए ही सबसे।
देखा तेरा दुःख तो, ऑंसू बहे मेरे दिल से।।
पूछा नहीं लेकिन तुने, मुझसे कभी दर्द मेरा।
यकीन तुझपे भी होता, साथ मेरा दिया होता।।
ऐसा अगर नहीं होता-------------------------।।
शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)
Comments
Post a Comment