शीर्षक - ये ऑंसू मत बहाओ तुम
दिनांक 08/12/022(गुरुवार)
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शीर्षक - ये ऑंसू मत बहाओ तुम
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ये आँसू मत बहाओ तुम,खुशी तेरी मुझको चाहिए।
ना समझो तुम मुझे दुश्मन, हंसी तेरी मुझको चाहिए।।
ये आँसू मत बहाओ तुम----------------।।
रहे खुशहाल हमेशा तू ,रहे हर गम तुमसे दूर।
मुकम्मल हो तेरे सपनें, इज्जत तेरी मुझको चाहिए।।
ये आँसू मत बहाओ तुम-----------------।।
बहुत ही फिक्र है मुझको, तेरी जिंदगी की हमदम।
तेरी बर्बादी नहीं चाहता,बुलन्दी तेरी मुझको चाहिए।।
ये आँसू मत बहाओ तुम-----------------।।
नहीं मैं कोई सौदागर, करूँ नीलाम तेरा जो चमन।
रोशन तुमको रखना है, रोशनी तेरी मुझको चाहिए।।
ये आँसू मत बहाओ तुम-----------------।।
छोड़कर गर सभी तेरा साथ,तुम्हें तन्हा- जुदा कर दे।
मुझपे अधिकार है तेरा, जिंदगी तेरी मुझको चाहिए।।
ये ऑंसू मत बहाओ तुम------------------।।
शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)
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