गहलोत सरकार का ओपीएस का फैसला ऐतिहासिक - श्यामलाल आमेटा --------------------------------------------------------- पोकरण(राजस्थान) - राजस्थान शिक्षक संघ (प्रगतिशील) के राज्य स्तरीय शैक्षिक अधिवेशन के खुले सत्र में राज्यभर के शिक्षकों एवं पदाधिकारियां द्वारा सर्व सम्मति से विभिन्न बिन्दुओं पर शिक्षकों की विभिन्न सेवारत समस्याओं एवं वेतन विसंगति निराकरण के प्रस्ताव संघ के प्रदेशाध्यक्ष श्यामलाल आमेटा एवं कार्यकारी अध्यक्ष नीरज शर्मा के आतिथ्य में पारित कर राज्य सरकार को भेजने का सर्व सम्मत निर्णय हुआ। शिक्षक संघ(प्रगतिशील)के प्रदेश मीडिया प्रभारी गुरुदीन वर्मा के अनुसार संघ (प्रगतिशील) के संयोजक नवनारायण जोशी ने बताया कि संघ (प्रगतिशील) प्रदेश मुख्य महामंत्री धर्मेन्द्र गहलोत ने अधिवेशन में पारित प्रस्तावों के सम्बन्ध में कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति, भारतीय संविधान की महत्ता पर प्रकाश, शिक्षा पाठ्यक्रम में खेलकूद को अनिवार्य विषय घोषित करने, विधवा परित्याकत्ता एवं तलाकसुदा महिला को योग्यता के आधार पर शिक्षिका एवं अन्य पदों पर सीधी भर्ती किये जाने, नेत्रहीन शिक्षकों को उनके गृह जिलो में प्राथमिकता के आधार पर नियुक्ति दिये जाने, सातवें वेतन आयोग की विसंगति के लिए गठित डीसी सामन्त कमेटी की लाभकारी सिफारिशे 1 जनवरी 2016 से लागु करवाने, तृतीय श्रेणी शिक्षकों के स्थानान्तरण करवाने, एकीकरण के तहत बन्द विद्यालयों को पूनः खुलवाने, प्रारम्भिक शिक्षा विभाग में पुरे राजस्थान में शहरी क्षेत्र में 70 प्रतिशत से अधिक रिक्त पदो को भरने, प्रयोगशाला सहायक से अध्यापक पद पर समायोजित शिक्षकों को अध्यापक के समान समस्त परिलाभ दिये जाने, पदोन्नति प्राप्त व्याख्याताओं की ग्रेड पे 5400 कर 10-20-30 के स्थान पर 9-18-27 का चयनित वेतनमान दिये जाने , माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में इस वर्ष नामांकन वृद्धि के फलस्वरूप पदों को सृजित करवाने, अप्रशिक्षित पैराटीचर्स का मानदेय दुगुना करवाने, उप प्रधानाचार्य का नवीन कैडर बनाकर ग्रेड पे 6000 करवाने, शिक्षकों को बीएलओं एवं गैर शैक्षणिक कार्यो से मुक्त करवाने, पीडी हैड के शिक्षकों की वेतन व्यवस्था माह की पहली तारिख को सुनिश्चित करवाने, समय बद्ध पदोन्नति प्रक्रिया शुरू करवाने, राज्य सरकार द्वारा एनपीएस को ओपीएस में बदलने के ऐतिहासिक फैसले पर पारित शिक्षकों ने दो हाथ खडे कर धन्यवाद प्रस्ताव पारित किया। विभिन्न मुद्दों पर प्रान्तीय महासमिति ने प्रस्तावों को अन्तिम रूप देकर राज्य सरकार को भेजने का प्रस्ताव लिया गया। मीडिया प्रभारी वर्मा के अनुसार इस अवसर पर प्रदेशाध्यक्ष श्यामलाल आमेटा, मुख्य महामंत्री धर्मेन्द्र गहलोत, कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष नीरज शर्मा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष निहाल सिंह, मनोहर जोशी गांधीवादी प्रचारक, संगठन के उपसभाध्यक्ष शंकर सिंह राजपूत, कोषाध्यक्ष नरेन्द्र कुमार शर्मा, प्रीति गुर्जर, हनवन्तसिंह मेडतिया, देवेश खत्री, हरि सिंह घिटाला, सतीश शर्मा, धुली राम डांगी, शिव चरण शर्मा, सविता शर्मा, ब्रजमोहन मीणा, बालकृष्ण मीणा, विनोद नैनावत, छगन लाल भाटी, मनोहर सिंह चौहान, धर्मेन्द्र कुमार खत्री, सत्यनारायण बैरवा, भीखाराम कोली, रमेश परमार, ओमप्रकाश शर्मा सहित सभी ने अलग-अलग प्रस्ताव रखे जिस पर खुलकर चर्चा के बाद प्रस्तावों को अन्तिम रूप दिया गया।

 गहलोत सरकार का ओपीएस का फैसला ऐतिहासिक - श्यामलाल आमेटा

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पोकरण(राजस्थान) -  राजस्थान शिक्षक संघ (प्रगतिशील) के राज्य स्तरीय शैक्षिक अधिवेशन के खुले सत्र में राज्यभर के शिक्षकों एवं पदाधिकारियां द्वारा सर्व सम्मति से विभिन्न बिन्दुओं पर शिक्षकों की विभिन्न सेवारत समस्याओं एवं वेतन विसंगति निराकरण के प्रस्ताव संघ के प्रदेशाध्यक्ष श्यामलाल आमेटा एवं कार्यकारी अध्यक्ष नीरज शर्मा के आतिथ्य में पारित कर राज्य सरकार को भेजने का सर्व सम्मत निर्णय हुआ।

           शिक्षक संघ(प्रगतिशील)के प्रदेश मीडिया प्रभारी गुरुदीन वर्मा के अनुसार संघ (प्रगतिशील) के संयोजक नवनारायण जोशी ने बताया कि संघ (प्रगतिशील) प्रदेश मुख्य महामंत्री धर्मेन्द्र गहलोत ने अधिवेशन में पारित प्रस्तावों के सम्बन्ध में कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति, भारतीय संविधान की महत्ता पर प्रकाश, शिक्षा पाठ्यक्रम में खेलकूद को अनिवार्य विषय घोषित करने, विधवा परित्याकत्ता एवं तलाकसुदा महिला को योग्यता के आधार पर शिक्षिका एवं अन्य पदों पर सीधी भर्ती किये जाने, नेत्रहीन शिक्षकों को उनके गृह जिलो में प्राथमिकता के आधार पर नियुक्ति दिये जाने, सातवें वेतन आयोग की विसंगति के लिए गठित डीसी सामन्त कमेटी की लाभकारी सिफारिशे 1 जनवरी 2016 से लागु करवाने, तृतीय श्रेणी शिक्षकों के स्थानान्तरण करवाने, एकीकरण के तहत बन्द विद्यालयों को पूनः खुलवाने, प्रारम्भिक शिक्षा विभाग में पुरे राजस्थान में शहरी क्षेत्र में 70 प्रतिशत से अधिक रिक्त पदो को भरने, प्रयोगशाला सहायक से अध्यापक पद पर समायोजित शिक्षकों को अध्यापक के समान समस्त परिलाभ दिये जाने, पदोन्नति प्राप्त व्याख्याताओं की ग्रेड पे 5400 कर 10-20-30 के स्थान पर 9-18-27 का चयनित वेतनमान दिये 

जाने , माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में इस वर्ष नामांकन वृद्धि के फलस्वरूप पदों को सृजित करवाने, अप्रशिक्षित पैराटीचर्स का मानदेय दुगुना करवाने, उप प्रधानाचार्य का नवीन कैडर बनाकर ग्रेड पे 6000 करवाने, शिक्षकों को बीएलओं एवं गैर शैक्षणिक कार्यो से मुक्त करवाने, पीडी हैड के शिक्षकों की वेतन व्यवस्था माह की पहली तारिख को सुनिश्चित करवाने, समय बद्ध पदोन्नति प्रक्रिया शुरू करवाने, राज्य सरकार द्वारा एनपीएस को ओपीएस में बदलने के ऐतिहासिक फैसले पर पारित शिक्षकों ने दो हाथ खडे कर धन्यवाद प्रस्ताव पारित किया। विभिन्न मुद्दों पर प्रान्तीय महासमिति ने प्रस्तावों को अन्तिम रूप देकर राज्य सरकार को भेजने का प्रस्ताव लिया गया।

           मीडिया प्रभारी वर्मा के अनुसार इस अवसर पर  प्रदेशाध्यक्ष श्यामलाल आमेटा, मुख्य महामंत्री धर्मेन्द्र गहलोत, कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष नीरज शर्मा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष निहाल सिंह, मनोहर जोशी गांधीवादी प्रचारक, संगठन के उपसभाध्यक्ष शंकर सिंह राजपूत, कोषाध्यक्ष नरेन्द्र कुमार शर्मा, प्रीति गुर्जर, हनवन्तसिंह मेडतिया, देवेश खत्री, हरि सिंह घिटाला, सतीश शर्मा, धुली राम डांगी, शिव चरण शर्मा, सविता शर्मा, ब्रजमोहन मीणा, बालकृष्ण मीणा, विनोद नैनावत, छगन लाल भाटी, मनोहर सिंह चौहान, धर्मेन्द्र कुमार खत्री, सत्यनारायण बैरवा, भीखाराम कोली, रमेश परमार, ओमप्रकाश शर्मा सहित सभी ने अलग-अलग प्रस्ताव रखे जिस पर खुलकर चर्चा के बाद प्रस्तावों को अन्तिम रूप दिया गया।




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पोकरण(राजस्थान) -  राजस्थान शिक्षक संघ (प्रगतिशील) के राज्य स्तरीय शैक्षिक अधिवेशन के खुले सत्र में राज्यभर के शिक्षकों एवं पदाधिकारियां द्वारा सर्व सम्मति से विभिन्न बिन्दुओं पर शिक्षकों की विभिन्न सेवारत समस्याओं एवं वेतन विसंगति निराकरण के प्रस्ताव संघ के प्रदेशाध्यक्ष श्यामलाल आमेटा एवं कार्यकारी अध्यक्ष नीरज शर्मा के आतिथ्य में पारित कर राज्य सरकार को भेजने का सर्व सम्मत निर्णय हुआ।

           शिक्षक संघ(प्रगतिशील)के प्रदेश मीडिया प्रभारी गुरुदीन वर्मा के अनुसार संघ (प्रगतिशील) के संयोजक नवनारायण जोशी ने बताया कि संघ (प्रगतिशील) प्रदेश मुख्य महामंत्री धर्मेन्द्र गहलोत ने अधिवेशन में पारित प्रस्तावों के सम्बन्ध में कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति, भारतीय संविधान की महत्ता पर प्रकाश, शिक्षा पाठ्यक्रम में खेलकूद को अनिवार्य विषय घोषित करने, विधवा परित्याकत्ता एवं तलाकसुदा महिला को योग्यता के आधार पर शिक्षिका एवं अन्य पदों पर सीधी भर्ती किये जाने, नेत्रहीन शिक्षकों को उनके गृह जिलो में प्राथमिकता के आधार पर नियुक्ति दिये जाने, सातवें वेतन आयोग की विसंगति के लिए गठित डीसी सामन्त कमेटी की लाभकारी सिफारिशे 1 जनवरी 2016 से लागु करवाने, तृतीय श्रेणी शिक्षकों के स्थानान्तरण करवाने, एकीकरण के तहत बन्द विद्यालयों को पूनः खुलवाने, प्रारम्भिक शिक्षा विभाग में पुरे राजस्थान में शहरी क्षेत्र में 70 प्रतिशत से अधिक रिक्त पदो को भरने, प्रयोगशाला सहायक से अध्यापक पद पर समायोजित शिक्षकों को अध्यापक के समान समस्त परिलाभ दिये जाने, पदोन्नति प्राप्त व्याख्याताओं की ग्रेड पे 5400 कर 10-20-30 के स्थान पर 9-18-27 का चयनित वेतनमान दिये 

जाने , माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में इस वर्ष नामांकन वृद्धि के फलस्वरूप पदों को सृजित करवाने, अप्रशिक्षित पैराटीचर्स का मानदेय दुगुना करवाने, उप प्रधानाचार्य का नवीन कैडर बनाकर ग्रेड पे 6000 करवाने, शिक्षकों को बीएलओं एवं गैर शैक्षणिक कार्यो से मुक्त करवाने, पीडी हैड के शिक्षकों की वेतन व्यवस्था माह की पहली तारिख को सुनिश्चित करवाने, समय बद्ध पदोन्नति प्रक्रिया शुरू करवाने, राज्य सरकार द्वारा एनपीएस को ओपीएस में बदलने के ऐतिहासिक फैसले पर पारित शिक्षकों ने दो हाथ खडे कर धन्यवाद प्रस्ताव पारित किया। विभिन्न मुद्दों पर प्रान्तीय महासमिति ने प्रस्तावों को अन्तिम रूप देकर राज्य सरकार को भेजने का प्रस्ताव लिया गया।

           मीडिया प्रभारी वर्मा के अनुसार इस अवसर पर  प्रदेशाध्यक्ष श्यामलाल आमेटा, मुख्य महामंत्री धर्मेन्द्र गहलोत, कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष नीरज शर्मा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष निहाल सिंह, मनोहर जोशी गांधीवादी प्रचारक, संगठन के उपसभाध्यक्ष शंकर सिंह राजपूत, कोषाध्यक्ष नरेन्द्र कुमार शर्मा, प्रीति गुर्जर, हनवन्तसिंह मेडतिया, देवेश खत्री, हरि सिंह घिटाला, सतीश शर्मा, धुली राम डांगी, शिव चरण शर्मा, सविता शर्मा, ब्रजमोहन मीणा, बालकृष्ण मीणा, विनोद नैनावत, छगन लाल भाटी, मनोहर सिंह चौहान, धर्मेन्द्र कुमार खत्री, सत्यनारायण बैरवा, भीखाराम कोली, रमेश परमार, ओमप्रकाश शर्मा सहित सभी ने अलग-अलग प्रस्ताव रखे जिस पर खुलकर चर्चा के बाद प्रस्तावों को अन्तिम रूप दिया गया।

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