वायरल का प्रकोप अपने चरम पर है। अस्पतालों में बुखार से पीड़ित लोग जूझ रहे हैं। वहीं, नूरपुर के अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चिकित्सक विहीन होने के कारण ग्रामीण इलाकों के लोग निजी चिकित्सक और अप्रशिक्षित लोगों से अपना इलाज लेने के लिए मजबूर हैं। नूरपुर की सभी एडिशनल पीएचसी फार्मासिस्ट के भरोसे चल रही है।
वायरल का प्रकोप अपने चरम पर है। अस्पतालों में बुखार से पीड़ित लोग जूझ रहे हैं। वहीं, नूरपुर के अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चिकित्सक विहीन होने के कारण ग्रामीण इलाकों के लोग निजी चिकित्सक और अप्रशिक्षित लोगों से अपना इलाज लेने के लिए मजबूर हैं। नूरपुर की सभी एडिशनल पीएचसी फार्मासिस्ट के भरोसे चल रही है।
नूरपुर में वायरल का प्रकोप अपने चरम पर है। झीरन समेत कई गांवों में लोग बुखार से तप रहे हैं। सरकारी अस्पतालों के अलावा निजी चिकित्सक के यहां भी बुखार और टायफाइड आदि के मरीज दवाई लेने के लिए पहुँच रहे हैं। लेकिन नूरपुर के मोरना, फीना, खासपुरा और ताजपुर स्थित एडिशनल पीएचसी पिछले काफी समय से चिकित्सक विहीन चल रही है। एडिशनल पीएचसी का पूरा लाभ स्थानीय ग्रामीणों को नही मिल पा रहा है। सभी एडिशनल पीएचसी फार्मासिस्ट के भरोसे चल रही है। वहीं, ताजपुर स्थित एडिशनल पीएचसी के फार्मासिस्ट की मृत्यु होने के कारण वहां अभी किसी फार्मासिस्ट की नियुक्ति नही हो पाई है। इन अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर चिकित्सकों की नियुक्ति नही होने पर बीमार लोगों को महंगे दामो पर निजी चिकित्सक अथवा अप्रशिक्षित लोगों से इलाज कराने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने वहां पर चिकित्सकों की तैनाती करने की मांग की है।
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