शीर्षक - ऐसा क्या है तुझमें

 दिनाँक 25/07/022(सोमवार)

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शीर्षक - ऐसा क्या है तुझमें


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ऐसा क्या है तुझमें, ऐसा क्यों होता है।

प्यार जो तुझसे हैं, तुमको दिल चाहता है।।

ऐसा क्या है तुझमें------------------।।


जबकि तुमसे मुझको, इतना नहीं प्यार मिला।

फिर भी तारीफ तुम्हारी, मेरा दिल करता है।।

ऐसा क्या है तुझमें-------------------।।


देखता हूँ मैं हमेशा, तेरी सूरत तेरा इंतजार।

बहुत अरमां से तुमको, याद दिल करता है।।

ऐसा क्या है तुझमें------------------।।


जबकि तेरी आँखों में, ख्वाब मेरा नहीं है।

तुमसे बर्बाद होकर भी, दिल तुझमें बसता है।।

ऐसा क्या है तुझमें------------------।।


सोचता हूँ ऐसा मैं भी, भूला दूँ मैं तुमको।

बनाता हूँ तेरी मूरत,तुमपे दिल मरता है।।

ऐसा क्या है तुझमें-------------------।।





शिक्षक एवं साहित्यकार-

गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद

तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

मोबाईल नम्बर- 9571070847

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