शीर्षक - यही है मेरा ख्वाब मेरी मंजिल

 दिनाँक 25/06/022(शनिवार)

------------------------------------------------------

शीर्षक - यही है मेरा ख्वाब मेरी मंजिल


--------------------------------------------------------

मुझको पहुंचना है पहले,

अपनी पहली मंजिल पर,

उसी के बाद देखूंगा मैं,

कोई और ख्वाब अपना,

और बढ़ाऊंगा दूसरा कदम।


याद करते हैं जिनको आज,

वतन के सभी लोग गर्व से,

पढ़ती हैं जिनको आवाम,

किताबों में शान से आज,

झुकाते हैं अपना मस्तक

जिनकी मूर्ति- तस्वीर के सामने,

करती है सम्मान जिनका,

यह धरती और आसमां भी।


मैं सोचता हूँ कि मैं भी,

बन जाऊं पहले इस काबिल,

कि लोग करें सम्मान मेरा भी,

लोग जोड़े मुझसे भी रिश्ता,

दोस्ती और मानवता का,

और इसके बाद ही मैं,

करूँगा विचार किसी और,

सोच और काबलियत का।


सच इतना पुरातन नहीं हूँ मैं,

और इतना आधुनिक भी नहीं,

कि भूला दूँ अपनी संस्कृति को,

दिखाने को खुद को प्रगतिशील,

करूँ नकल पश्चिमी सभ्यता की,

चाहे नफरत हो मुझसे सभी को,

लेकिन फिर भी नहीं छोड़ूंगा मैं,

अपनी जमीं से करना प्यार,

अपने वतन से करना प्रेम,

रहे आबाद मेरा यह वतन,

यही है मेरा ख्वाब,मेरी मंजिल।






शिक्षक एवं साहित्यकार-

गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद

तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

मोबाईल नम्बर- 9571070847

Comments

Popular posts from this blog

स्योहारा।आज ग्राम चंचल पुर में उस समय चीख पुकार मच गई जब बारातियों को ले जा रही एक स्कार्पियो कार की यहां एक खंबे से टक्कर हो गई और कार के परखच्चे उड़ गए।

मालगाड़ी की चपेट में आकर हुई युवक की दर्दनाक मौत