अनोखी संस्कृति का धनी नगरपंचायत चितबड़ागाँव*
*अनोखी संस्कृति का धनी नगरपंचायत चितबड़ागाँव*
*बलिया*
कोई भी ऐसा छोटा~बड़ा गांव या शहर नहीं होगा, जहां की बाज़ार में माँस, मछली या अण्डे की बिक्री न होती हो। लेकिन आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि उत्तर प्रदेश के बलिया जनपद के पश्चिम में गाज़ीपुर की सीमा पर स्थित नगर पंचायत चितबड़ागांव की बाज़ार में मांसाहारी वस्तुओं की बिक्री नहीं होती।
पूरा बाज़ार छान मारिए लेकिन कहीं भी आपको एक अंडा तक नज़र नहीं आएगा।
इस नगर पंचायत की आबादी 50 हज़ार के लगभग है जहाँ हिन्दू एवं मुस्लिम दोनों ही वर्गों के लोग रहते हैं बावजूद इसके दोनों ही धर्म के लोग इस संस्कृति को जीवंत रखने हेतु एक दूसरे का पूरा सहयोग करते हैं।
चितेश्वरनाथ महादेव, ब्रह्मी बाबा, रामानन्दी पवित्र पीठ रामशाला व मदारी शहीद की समाधि के सान्निध्य में टोंस नदी के तट पर बसा ये गाँव गंगा-जमुनी संस्कृति और हिन्दू~मुस्लिम सौहार्द्र के लिए प्रसिद्ध है।
शायद ये दुनिया की पहली ऐसी जगह है जहां मांसाहार की बिक्री पूर्णतया प्रतिबंधित है।
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