साहित्य शक्ति संस्थान द्वारा आयोजित अटल काव्यमहोत्स्व सम्पन्न

 साहित्य शक्ति संस्थान द्वारा आयोजित अटल काव्यमहोत्स्व सम्पन्न 


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संवाद सूत्र-देवरिया(डा0पंकज -प्राणेश)-

साहित्य शक्ति संस्थान के बैनर तले भारत के पूर्व प्रधान मंत्री, भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी के जन्म दिवस के उपलक्ष्य पर आयोजित राष्ट्रीय राष्ट्रीय कवि सम्मेलन विगत दिनो सफलता पूर्वक सम्पन्न हुआ।यह कार्यक्रम अनलाइन गूगल मीट पर आयोजित था।इस कार्यक्रम मे पूरे भारत से लगभग तीस रचनाकारो ने काव्यपाठ किया। कार्यक्रम शाम तीन बजे से प्रारम्भ होकर देर रात लगभग आठ बजे तक चला।गूगल मीट पर चलने वाले इस कार्यक्रम की सराहना स्रोताओ और कवियो ने खूब की।कार्यक्रम का शुभारंभ भाटपाररानी-देवरिया से जुड़ी वरिष्ठ गीतकार कवयित्री और बेसिक शिक्षिका अंजना मिश्रा जी ने अपने सुमधुर स्वर मे वाणी वंदना से की "हे मां!विराजो कंठ में,सूचि ज्ञान का विस्तार दो।पूरित करो हर साधना,वीणा को फिर झंकार दो।" सुनाकर कार्यक्रम को गति प्रदान की।अनूपपुर मध्य प्रदेश की वरिष्ठ कवयित्री रजनी उपाध्याय ने अपने मधुर स्वर मे अभिनंदन गीत पढ़कर सभी स्रोताओ को मंत्रमुग्ध कर दी।कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि आरा-बिहार के प्रशासनिक आफीसर डा0किशोर आनंद ने अपने उद्बोधन में कहा कि साहित्य समाज का दर्पण है,कविगण जो देखते है,महसूस करते है उन्हे ही शब्दों मे बांधकर लोक,समाज और राष्ट्र को सौप देते है।साहित्य मनुष्य के अंदर प्रेम,संवेदना, संस्कार और इन्सानियत का भाव भरकर जीने की प्रेरणा देता है।इन्होनें अपने काव्य पाठ के दौरान भ्रष्ट व्यवस्था, निरंकुश तंत्र और समाज के दूषित व्यवस्था पर करारा प्रहार किए।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पूर्व प्राचार्य व संस्थान के राष्ट्रीय संरक्षक वरिष्ठ गीतकार वीरेन्द्र मिश्र विरही ने सभी उपस्थित रचनाकारो को आशीर्वाद देते हुए अपने चिरपरचित अंदाज में अपने गीत।"हमने तो कभी ना बहारो से फरियाद किया" सुनाकर मंच को बहुत बड़ा बना दिए।अयोध्या-उत्तर प्रदेश से पधारी बेसिक शिक्षिका व कवयित्री अर्चना द्विवेदी ने अपने मधुर कण्ठ से रसराज श्रृंगार की गीत "तुम बिन सारे रिश्ते झूठे,फ़ीका यह संसार,पारसमणि भी पत्थर लगता,सूना हर श्रृंगार,सजनवां तुम हो पहला प्यार" पढ़कर सबको आनन्द से सराबोर कर दी।कार्यक्रम की मुख्य अतिथि खण्ड विकास अधिकारी बरहज-देवरिया शशि पाण्डेय 'बिट्टो' जी ने अपने कोकिल कण्ठ से एक से बढ़कर एक गीतों को सुनाकर आनंद की सरिता बहा दी।इन्होंने साहित्य शक्ति संस्थान के इस प्रयास की खूब सराहना की।

चित्रकूट की शिक्षिका व कवयित्री शहनाज बानो ने बेटियो की महत्ता प्रतिष्ठित करती रचना सुनाकर समाज मे एक आदर्श दृष्टान्त प्रस्तुत की।संस्थान की राष्ट्रीय सचिव व शहडोल की कवयित्री प्रणाली श्रीवास्तव ने आजकल के युवा पीढ़ी के प्रेम को रेखांकित करने की सफल प्रयास की।देवरिया की शिक्षिका द्वय कवयित्री सुनीता सिंह और बेसिक शिक्षिका महिमा तिवारी  के भक्ति रस प्रधान तथा नपी तुली शैली मे अत्यंत शिष्ट भाषा से अलंकृत रचनाएँ प्रस्तुत कर खूब वाहवाही लूटी।जयपुर की वरिष्ठ कवयित्री व संस्थान की शीर्ष नेतृत्व वीनू शर्मा जी ने अपने गाम्भीर्य व्यक्तित्व के अनुसार अत्यंत प्रांजल और उच्च कोटि की रचनाएँ सुनाकर युवा पीढ़ी व आज के परिवेश को बखूबी रेखांकित की।सुपौल-बिहार की शिक्षिका व कवयित्री प्रतिभा कुमारी ने अपने मुक्तक और गजल को सुनाकर पटल पर खूब रस वर्षा की।

कार्यक्रम के मध्य में स्रोताओ के आग्रह को स्वीकार कर पटल पर पुनः उपस्थित हुई देवरिया की कवयित्री व शिक्षिका अंजना मिश्रा ने तो "कहवा अचरा पसारी हमे लागे शरम" सुनाकर अपने अद्भुत विलक्षण प्रतिभा का परिचय देने के साथ साथ कार्यक्रम को चरमोत्कर्ष पर पहुंचा दी।सागर-मध्य प्रदेश के वरिष्ठ साहित्यकार व संस्थान के संरक्षक बृन्दावन राय सरल जी की संदेश देती रचनाओं ने स्रोताओ की खूब तालिया बटोरी।अटल जी के कृतित्व और व्यक्तित्व का सम्यक् विश्लेषण करती इनकी रचना" श्रेष्ट अटल की सृजित ऋचाएं,जिनको आज हवाएं गाएं।भारत के ऐसे ‌प्रधान थे,हिंदी के सेवक महान थे,

दुश्मन के भी मन को भाए।" ने स्रोताओ को आह!और वाह!करने पर मजबूर कर दी।

गोरखपुर की शिक्षिका व कवयित्री विनीता मिश्रा की सुमधुर स्वर मे पढ़ी गयी रचना ने स्रोताओ का दिल छू लिया।गोरखपुर की बेसिक शिक्षिका,वरिष्ठ कवयित्री व संस्थान की प्रदेश अध्यक्ष नीरजा बसंती के ओजपूर्ण कविता "ओढ़ तिरंगा कफ़न चले हम छोड़ के ये परिवेश,रखना सलामत फुलबारी सा तुम ये भारत देश।"सुनाकर वीर रस की अजस्र धारा बहा दी।फर्रूखाबाद की कवयित्री मीनेश चौहान 'मीन' कृष्ण प्रेम पर आधारित रचना प्रस्तुत कर पूरे वातावरण को भक्तिमय बना दी।मुरादाबाद की बेसिक शिक्षिका व कवयित्री दीप्ति खुराना की कविता 'आत्मसम्मान' की सराहना सबने की।पूरे कार्यक्रम की आद्योपांत सफल और कुशलता पूर्वक संचालन कर रही फतेहपुर की शिक्षिका व कवयित्री सीमा मिश्रा  ने बीच-बीच मे अपनी लघु कविताओं को पढ़कर नवरस की गंगा बहा दी।कार्यक्रम में मुख्य रूप से डा0 शीला चतुर्वेदी यस आर जी देवरिया, शालिनी सिंह देवरिया,डा0 समराना फैयाज बरेली,सुमन लता जी मेरठ, नीलोफर नीरू जी देहरादून, डिम्पल तिवारी अयोध्या,लता नायर सरगुजा, आकाँक्षा रूपा कटक,अशोक प्रियदर्शी चित्रकूट,रिंकी कमल रघुवंशी विदिशा,कामिनी मिश्रा कानपुर, वंदना यादव चित्रकूट, वन्दना पाण्डेय गोरखपुर,वन्दना श्रीवास्तव जौनपुर,मणिबेन द्विवेदी वाराणसी,आमोद कुमार सिंह एआरपी भागलपुर देवरिया, अमित कुमार शर्मा एआरपी भागलपुर देवरिया आदि ने अपनी -अपनी उत्कृष्ट कोटि की रचनाएँ सुनाकर साहित्य शक्ति संस्थान के सौजन्य से आयोजित  अटल काव्य महोत्सव को चिरंजीवी बना दिए।कार्यक्रम का सफल आयोजन प्राण पग से लगकर कार्यक्रम को ऊचाई देने वाली डा0जानकी झा कटक ओडिसा का प्रयास सबसे अधिक प्रशंसनीय रहा।सभी रचनाकारो की रचनाओं की समीक्षा और आभार प्रदर्शन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा0पंकज-प्राणेश द्वारा की गयी।कार्यक्रम के अंत मे संस्थान की प्रदेश अध्यक्ष नीरजा वसंती और सचिव प्रणाली श्रीवास्तव ने बताया कि आगामी सप्ताह मे एक भव्य सम्मान समारोह आयोजित कर सभी प्रतिभागी रचनाकारो को सम्मानित किया जाएगा।

(देवरिया से डा0पंकज-प्राणेश की रिपोर्ट)

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