जन रामायण अखण्ड काव्यर्चना का बनेगा विश्व रिकॉर्ड*

 *जन रामायण अखण्ड काव्यर्चना का बनेगा विश्व रिकॉर्ड*



*सुधीर, हंसराज, अनिल, सरिता, ममता, नंदिनी, अतुल, विंध्यवासिनी करेंगे काव्य पाठ*


अंतरराष्ट्रीय साहित्य कला संस्कृति न्यास साहित्योदय के बैनर तले आगामी 5-6 दिसम्बर को विश्व कीर्तिमान स्थापित करने जा रहा है। 

     इस आयोजन में गोण्डा (उ.प्र.) के वरिष्ठ कवि/साहित्यकार आ. सुधीर श्रीवास्तव जी भी काव्यपाठ कर विश्व कीर्तिमान का हिस्सा बनेंगे। 

    श्री श्रीवास्तव ने बताया कि इस आयोजन में उनके अलावा उ.प्र. के प्रयागराज से आ. हंसराज सिंह हंस जी, गोरखपुर की आ. सरिता सिंह जी,बिजनौर के डा. अनिल शर्मा जी आ. अतुल अविरल कष्ट, आ. विंध्यवासिनी तिवारी,रामगढ़ झारखंड से आ. ममता मनीष सिन्हा जी,रायपुर छत्तीसगढ़ से नंदिनी लहेजा जी सहित देश विदेश के 200 से अधिक रचनाकार शामिल होने को लेकर अत्यंत उत्साहित हैं और इसे भगवान श्रीराम की कृपा मान रहे हैं।

   आयोजन के अंतर्गत *जन रामायण अखंड काव्यार्चन* 26 घंटे का अनवरत चलने वाला काव्यपाठ होगा जिसमे दुनिया भर के 200 से अधिक सुप्रसिद्ध रचनाकार  राम और रामायण से जुडी मौलिक कविताओं का पाठ करेंगे। कार्यक्रम का आयोजन 05 दिसम्बर को सुबह 8 बजे से प्रारंभ होकर 06 दिसम्बर को सुबह 10 बजे आनलाइन सम्पन्न होगा। इस अखंड काव्यपाठ का उद्घाटन प्रख्यात गीतकार डॉ बुद्धिनाथ मिश्र जी महर्षि वाल्मीकि के आश्रम से करेंगे। कार्यक्रम का संचालन 26 सुप्रसिद्ध एंकर करेंगे। कवि बेबाक़ जौनपुरी, कवि अजय अंज़ाम, डॉ शोभा त्रिपाठी समेत कई राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर के साहित्यकार -कलाकार अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण साहित्योदय चैनल के माध्यम से पुरे विश्व में होगा। भगवान श्रीराम पर मौलिक काव्यपाठ का पुरे विश्व में यह पहला और अनूठा आयोजन हो रहा है। साहित्योदय के संस्थापक/ सह  अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष कवि पंकज प्रियम ने बताया कि अयोजन के पीछे एक महत्वपूर्ण उद्द्येश्य है कि जन -जन तक भगवान श्री राम के आदर्शों की स्थापना करना है और लोगों में उनके प्रति जनजागरण लाना है. इसी के निमित जन रामायण नामक एक अंतरराष्ट्रीय साझा महाग्रंथ का भी प्रकाशन किया जा रहा है। जिसमें दुनिया के 111 रचनाकार रामायण के अलग -अलग प्रसंगो पर मौलिक सृजन कर रहे हैं। इस अनूठे महाग्रंथ का लोकार्पण अयोध्या में किया जाएगा।                                      गौरतलब है कि साहित्योदय पिछले 3 वर्षों से साहित्य, कला, संस्कृति और समाज के लिए लगातार कार्य कर रहा है। सिर्फ कोरोनाकाल के इन डेढ़ वर्षो में दो हजार से अधिक लोगों की प्रस्तुति हो चुकी है। साहित्योदय के सौ से अधिक देशों के लाखों चहेते हैं।दो दर्जन से अधिक देश और सभी प्रांतों में शाखाएँ कार्यरत है। इस आयोजन को सफल बनाने में आ. तृप्ति मिश्रा, नंदिता माजी, प्रिया शुक्ला, डॉ रजनी शर्मा चन्दा, गोविंद गुप्ता, डॉ मधुकर राव लारोकर, डॉ श्वेता सिन्हा, संजय करुणेश, सुरेंद्र उपाध्याय, मुकेश बिस्सा, योगिता त्यागी ख़लीफ़ा सहित कई लोग लगे हैं।

    आयोजन में शामिल सभी  रचनाकारों का उत्साह चरम पर है।वे बड़ी बेसब्री से 05 दिसंबर का इंतजार कर रहे हैं।


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