*झारखंड की बेटी ममता सिन्हा द्वारा बांग्लादेश मंच पर भारत गौरवगान*

 *झारखंड की बेटी ममता सिन्हा द्वारा बांग्लादेश मंच पर भारत गौरवगान*


तोपा, रामगढ़ (झारखंड): राज्य की बेटी प्रतिष्ठित युवा साहित्यकारा, कवियत्री ममता रानी सिन्हा ने रविवार 25 जुलाई 2021 को बांग्लादेश के साहित्यिक मंच पर माँ भारती की गौरवगाथा के ओजपूर्ण सिंहनाद से जिले और राज्य ही नहीं पूरे भारत देश को गौरवांवित किया। श्रीमती ममता सिन्हा ने मंच पर आते ही हमेशा की तरह "जय हिंद-जय भारत! भारत माँ की पावन-पवित्र भूमि जल-जंगल, पहाड़-पठार, झील-झरने, कोयले-अबरख और इस्पात आदि जैसी रत्नगर्भा धरती झारखंड भारत से मैं ममता रानी सिन्हा आपलोगों का स्वागत करती हूँ अभिनंदन करती हूँ" का जयघोष कर माँ भारती को समर्पित अपनी ओजपूर्ण देशभक्ति रचना "मैं उस भारत की बेटी हूँ" से स्वयं के अति आकर्षक परिचय से स्वदेश के साथ-साथ पड़ोसी देश के भी सभी काव्यमनीषियों के हृदय को माँ भारती के प्रेम में सरोबार कर दिया। उन्होंने मंच पर अपनी प्रसिद्ध रचना "मेरा अहंकार" "हिन्द चरित्र निर्माण" और "मेरे भारत में प्रेम" की भी देशभक्ति युक्त ओजपूर्ण प्रस्तुति की।

ध्यान देने योग्य यह भी है कि भारत के पड़ोसी मित्र बांग्लादेश की साहित्यिक संस्था "Literature Archive Bangladesh" द्वारा निर्देशित साहित्यिक और सामाजिक क्षेत्र में शांति एवं भाईचारे को समर्पित मंच "The Dream of Equality" जिसके साथ विश्व के अनेक देशों की सामाजिक और साहित्यिक संस्थाएँ जुड़ी हुई हैं, हमेशा विश्व के प्रसिद्ध कवियों का काव्यपाठ अपने मंच पर आयोजित करवाता है।

संस्था के संस्थापक आ.समर भौमिक ने विश्व भाईचारे एवं शांति को समर्पित  इस मंच पर भारत की पावन-पवित्र भूमि से श्रीमती ममता रानी सिन्हा को उनकी गौरवशाली ओजपूर्ण काव्यपाठ प्रस्तुति के लिए आमंत्रित किया था।

ज्ञातव्य है कि श्रीमती ममता रानी सिन्हा की रचनाएँ आए दिन देश-विदेश की अनेकों प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं एवं अखबारों में सम्मानित स्थान प्राप्त कर रही हैं। विलक्षण प्रतिभा की धनी श्रीमती सिन्हा विभिन्न साहित्यिक संस्थाओं में पदाधिकारी भी हैं। जिनमें मेरी लेखनी साहित्यिक मंच (संस्थापिका, अध्यक्षा), शब्द-सुमन साहित्यिक मंच (संचालिका एवं आयोजिक), नव साहित्य परिवार (मंच निदेशिका), पारितोष काव्यमंच (झारखंड प्रदेश मंच संरक्षिका) एवं साहित्य सृजन मंच (विशिष्ट सलाहकार) के अतिरिक्त अन्य संस्थाओं में भी अपरोक्ष सहयोग और मार्गदर्शन दे रही हैं।

     ज्ञातव्य है कि विभिन्न साहित्यिक संस्थाओं से लगभग 200 ई सम्मान/सम्मान पत्र प्राप्त कर चुकी श्रीमती ममता रानी सिन्हा अपनी साहित्यिक गतिविधियों के सुचारु और सफल क्रियाकलापों का सारा श्रेय अपने परिवार को देती हैं। उनका कहना है कि वे बहुत सौभाग्यशाली हैं की उनके पूरे परिवार और पतिदेव आ. मनीष कुमार सिन्हा जी की ओर से हमेशा मिल रहा सहयोग, समर्थन और प्रेरणा उन्हें काव्य जीवन में आगे बढ़ने को प्रेरित करता है।

इस अति गौरवशाली भारत गौरवगाथा काव्यपाठ के ओजपूर्ण प्रस्तुति पर अनेक साहित्यिक, सामाजिक और राजनीतिक संस्थाओं/संगठनों के पदाधिकारियों, कवियों, लेखकों, साहित्यकारों और गणमान्य लोगों ने खुशी जाहिर करते हुए बधाइयाँ और शुभकामनाएं दी। इससे भावविभोर श्रीमती सिन्हा ने सभी सम्मानितजनों के प्रति सहृदय आभार और धन्यवाद व्यक्त किया है।

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