आज सँवारिए

 आज सँवारिए


************

आइए ! बीती बातों को बिसारें

अपना आज सँवारें।

जो बीत गया उसे

सुधार तो नहीं सकते

फिर उसी चिंता में क्यों घुलते?

अब तो बस आज की ही सोचिए

कल की कमियों को 

अब से दूर कीजिए,

कल फिर न पछताना पड़े

ऐसा कुछ कीजिए।

जीवन चलने का नाम है

सदा आप भी चलते रहिए,

रात गई बात गई आगे बढ़िए

बेकार की चिंता में डूबे रहने से

कुछ हासिल तो होगा नहीं।

माना कि बीता कल अच्छा नहीं था

उसे सपना समझ भूल जाइए

उठिये, बुलंद हौसले के साथ

हँसते मुस्कुराते हुए

आज को सँवारिए।

● सुधीर श्रीवास्तव

      गोण्डा, उ.प्र.

    8115285921

© मौलिक, स्वरचित

Comments

Popular posts from this blog

स्योहारा।आज ग्राम चंचल पुर में उस समय चीख पुकार मच गई जब बारातियों को ले जा रही एक स्कार्पियो कार की यहां एक खंबे से टक्कर हो गई और कार के परखच्चे उड़ गए।

मालगाड़ी की चपेट में आकर हुई युवक की दर्दनाक मौत