डॉक्टर दूसरा भगवान होता है
डॉक्टर दूसरा भगवान होता है
डॉक्टर दिवस विशेष मेरे द्वारा रचित कविता
(स्वर्गीय डॉक्टर बिधान चंद्र राय (पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्य मंत्री)
को उनके जन्म दिवस पर कोटि कोटि नमन/प्रणाम। इस महान् डॉक्टर को सम्मान देने हेतु हम सभी लोग उनके जन्म दिन को डॉक्टर्स दिवस के रूप में मनाते हैं)
शीर्षक-चिकित्सक जीवन
चिकित्सक का जीवन ही सबके काम आता है
पढ़ लिख के वह जग में अपना नाम कमाता है
अपने मन भावों कर्मो से सब पीड़ा हर लेता है
अपना सुख चैन त्याग सबका घाव भर देता है
ईश्वर का दूजा रूप जग में डॉक्टर कहलाता है
असम्भव कार्य को सम्भव करके दिखलाता है
मृत्यु,सत्य है फिर भी मौत से लड़ना सिखाता है
इसीलिए डॉक्टर ईश्वर का दूजा रुप कहलाता है
दिन हो या रात अपने कर्तव्य पर अडिग रहता है
नही मानता जाति पात सब पे उपकार जताता है
चाहें हो एम डी,या साधारण अनुभव ही दर्शाता है
चाहें कितनी हो पीड़ा कोशिश करके ही मिटाता है
रोगी को जीवन देकर कई परिवारों को बचाता है
कई परिवार के बच्चों को अनाथ होने से बचाता है
कोई हो आपत्ति,महामारी ये ही साहस दिखाता है
कोई रोगी हो हताश तो उसको सांत्वना बंधाता है
छोड़ अपने परिवार को दूसरों की फिक्र करता है
डॉक्टर अपने जीवन में भी संघर्ष आपार करता है
जीवन मे स्वस्थ्य रहने के उपायों को बतलाता है
अमूल जीवन की एहमियत सबको सिखलाता है
डॉक्टर अपने परिश्रम से कहाँ कभी घबराता है
चिकित्सक का जीवन ही सबके काम आता है
रचनाकार-कवि अरुण चक्रवर्ती
गुरसहायगंज कन्नौज उत्तर प्रदेश
मो.9795718204
Comments
Post a Comment