प्रयागराज कल्चरल सोसायटी का पंचम ऑनलाइन कवि सम्मेलन और सम्मान समारोह सम्पन्न*
*प्रयागराज कल्चरल सोसायटी का पंचम ऑनलाइन कवि सम्मेलन और सम्मान समारोह सम्पन्न*
रविवार 26 जून 2021 को प्रयागराज कल्चरल सोसाइटी संस्था का चतुर्थ ऑनलाइन कवि सम्मेलन भव्य और शानदार ढंग से संपन्न हुआ।
युवा गीतकार आ.सुजीत जायसवाल (कौशाम्बी, उ.प्र) द्वारा मां शारदे के आवाहन कुछ इन भावों के साथ 'काव्य अमृत के रस में डूबी लेखनी,मेरे तन पे हे मईया छिड़क दीजिए,
सूखे पत्तों से मेरी है शब्दावली,
नव सृजन जल से आकर भिगो दीजिये। के साथ काव्य गोष्ठी का शुभारंभ हुआ ।
तत्पश्चात वरिष्ठ कवि डा.कीर्तिवर्धन, मुजफ्फरपुर, बिहार ने माँ को कुछ यूँ रेखांकित किया - 'एक अक्षर में सारा जहान दिख गया,'माँ' में मुझको भगवान दिख गया।दो अक्षर विश्वास का आधार बन गये,'पिता' में मुझको स्वाभिमान दिख गया।तीन अक्षर ममता का पर्याय से लगे,'बहन' में प्यार का मान दिख गया।चार अक्षर जगत में सबसे अच्छे लगे,'परिवार' में खुद का अभिमान दिख गया।
श्रृंगार की युवा कवयित्री आ. सोनम श्रीवास्तव(प्रयागराज, उ.प्र.) ने बड़ी सोच की प्रार्थना को व्यक्त किया।
'सोच सोच कुछ नया सोच, तेरे अन्दर है बड़ा जोश ,तू जिस काम में लग जाएगा,
उसी में तू उन्नति कर पाएगा।
व्यंग्य के सशक्त हस्ताक्षर आ.मनमोहन बाराकोटी 'तमाचा लखनवी' ने अपने चिर परिचित अंदाज में पढ़ा-संघर्ष की हर राह, कांटों की सेज होती है, प्रतिभविहीनों की चमक, निस्तेज होती है।।बनके यथार्थ चिन्तक, पैनी नजर जरूरी, कलम की धार, तलवार, से भी तेज होती है।।
रीवां(मध्यप्रदेश) से अभिषेक द्विवेदी ने गोष्ठी को आगे बढ़ाते हुए अपने सपाट स्वरों में पढ़ा-तुम ऐसी करतूतें करते हो वरना बदनाम नही होते ,हिन्द देश में रहने वाले हर मुस्लिम ,अब्दुल कलाम नही होते।
आ.सुधीर श्रीवास्तव(गोण्डा, उ.प्र.) ने "भूला इंसान" के द्वारा इंसानियत खोते स्वरूप का खूबसूरत चित्रण अपनी रचना के माध्यम से करते हुए यथार्थ का अहसास कराया।
गोष्ठी में आ.दिव्या पाण्डेय जी (कौशाम्बी, उ.प्र.),आ.प्रमोद निर्मल जी(बलरामपुर, उ.प्र.) आदि ने अपनी खूबसूरत रचनाओं से सभी का मन मोह लिया।
आयोजन की अध्यक्षा आ.ऋचा मिश्रा रोली (बलरामपुर, उ.प्र.) ने पढ़ा -विश्व में रहे प्रथम शान कभी हो ना कम,मेरा भारत जग में सबसे महान हो।
कार्यक्रम का खूबसूरत संचालन सोसायटी के महासचिव आ..सुधीर श्रीवास्तव ने अपने ही अंदाज में किया।विश्व में रहे प्रथम शान कभी हो ना कम
मेरा भारत जग में सबसे महान हो।
संस्था के निदेशक आदरणीय कृष्ण गोपाल श्रीवास्तव जी,मीडिया प्रभारी देवेश मिश्र निर्मल जी की उपस्थिति में
कार्यक्रम की समीक्षा डा.कीर्तिवर्धन जी ने विस्तार से किया ।गोष्ठी समापन की घोषणा आदरणीय प्रमोद निर्मल जी द्वारा किया गया ।
सोसायटी के निदेशक आ.कृष्ण गोपाल श्रीवास्तव जी ने सभी कवियों/कवयित्रियों को बधाइयां एवं शुभकामनाएं देते हुए सभी का उत्साहवर्धन किया और संस्था के उज्जवल भविष्य की कामना व्यक्त करते हुए सभी का आभार व्यक्त किया।
संस्था अध्यक्षा आ.ऋचा मिश्रा रोली जी ने बताया कि हमारा आप सबके सहयोग से यही प्रयास रहेगा कि संस्था की साहित्यिक गतिविधियां अनवरत चलती रहें और हम सब मिलकर इसके लिए पूरी ईमानदारी,लगन व निष्ठा से कार्य करते रहेंगे।
इसी क्रम में 28 जून को सुबह 8.00 बजे आनलाइन सम्मान समारोह का आयोजन कर सभी कवियों /कवयित्रियों को सोसायटी की अध्यक्षा आ.ऋचा मिश्रा रोली द्वारा सम्मान पत्र देकर सम्मानित भी किया गया।
सम्मान समारोह में आ.निदेशक, महासचिव ,उपाध्यक्ष और मीडिया प्रभारी सहित तमाम कवि/कवयित्रियां भी उपस्थित रहे।
मीडिया प्रभारी आ. देवेश मिश्र ने सभी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया।
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