शीर्षक-जनता की आवाज

 शीर्षक-जनता की आवाज



नफरत के खिलाफ खड़ा है हर पत्रकार

जानता की आवाज बना सदैव पत्रकार

सत्य खबरों की पारदर्शिता को दर्शता है

लिखता हर तहरीर को कलम से पत्रकार


लेकर कलम निडर हो कर निकल पड़ता है 

कलम को ही उसे तलवार बनाना पड़ता है

सदा रहता कर्मठ,सत्यता से लड़खड़ा नही,

शब्दों के सामर्थ से ही हर जंग को लड़ता है


समाचार संकलन करके बनते जन आवाज़ 

आसान नही है पत्रकारिता का काम -काज 

राष्ट्रहित की बात कहे सदैव दिन हो या रात

नही डरते ना घबराते सबके खोलते हैं राज


चाहें कोई हो घटना,उन्हें नही पड़ता है रुकना

करता है पर्दाफाश हर गुनाहों का या हो घटना 

नही चाहिए उन्हें सच लिखने की कोई इजाजत

सच का खज़ाना लेकर घूमते हैं कोई हो घटना


कलमकार कभी अपने जमीर को बेंचता नही

लिखता हकीकत कभी समझौता करता नही

पत्रकार होता सामाजिक कलमवीर इक योद्धा

एक पत्रकार सच लिखने से कभी डरता नही


रचनाकार-कवि अरुण चक्रवर्ती 

गुरसहायगंज कन्नौज उत्तर प्रदेश

मो.9795718204

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