फीस को लेकर दबाब न बनाया जाए अभिभावकों पर- एबीवीपी

 *फीस को लेकर दबाब न बनाया जाए अभिभावकों पर- एबीवीपी         


                                     आकाश कर्णवाल चांदपुर:-* अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्र नेता पारस चौधरी के नेतत्व सभी कार्यकर्ता डीएम कार्यालय पहुचे। उसके बाद डीएम रमाकान्त पांडेय जी को विभिन्न मांगों को लेकर ज्ञापन सौपा।  

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद विश्व का सबसे बड़ा छात्र संगठन है, जोकि निरंतर छात्र हितों के लिए कार्य करता है। इसी संदर्भ में निम्न बिंदुओं को लेकर एक डीएम रमाकान्त पांडये जी को दिए ज्ञापन में बताया कि विश्वविद्यालयों की वेबसाइट पर नवीन प्रवेश हेतु पाठ्यक्रम संबंधी शुल्क का विवरण अतिशीघ्र उपलब्ध कराया जाय। कोरोना-वैश्विक महामारी में अनेक अभिभावकों का काम धंधा/रोजगार प्रभावित हुआ है अतः अभिभावकों की आर्थिक स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए किसी भी कक्षा व पाठ्यक्रम की शुल्क वृद्धि पर तनिक भी विचार न किया जाए, अपितु विभिन्न मदों के शुल्क जैसे-खेल,भवन, छात्रसंघ, भ्रमण आदि को इस सत्र में माफ किया जाये। कोरोना काल के छात्रावास शुल्क को माफ किया जाए व छात्रावासों को नवीन सत्र हेतु विधिवत सेनेटाइजेशन कराकर व कोविड 19 से बचाव के निर्देशों का पूर्ण पालन कराते हुए खोला जाय, तुरंत शुल्क देने पर दबाव न डाला जाए। विद्यार्थियों की पाठ्य पुस्तकों के दामों में रियायत मिले, ऐसी व्यवस्था शासन द्वारा बनाई जाए। विद्यार्थियों की विभिन्न पाठ्यक्रमों की छात्रवृत्ति व शोधार्थियों की शोधवृत्ति अतिशीघ्र उनके खाते में भेजी जाए जिससे वे आगे की शिक्षा को गतिमान रहें। सभी पाठ्यक्रमों के शुल्क को मासिक किस्तों में लिया जाए। स्कूली शिक्षा(नर्सरी से 12 वीं) तक की तीन महीने (अप्रैल,मई व जून) का शुल्क माफ किया जाए। इसके साथ ही शिक्षण शुल्क के अतिरिक्त सभी प्रकार के शुल्क बसूली पर प्रभावी रोक लगाई जाए। जब शासन द्वारा कोरोना महामारी के दृष्टिगत पाठ्यक्रमों में 30% कटौती की गई है तब सभी प्रकार के शुल्क में भी कम से कम30%छूट दी जए। कोरोना महामारी के कारणआर्थिक स्थिति खराब होने के कारण किसी भी विद्यार्थी को किसी भी विद्यालय व किसी भी पाठ्यक्रम से शिक्षा से बंचित न किया जाए। सभी बोर्ड के निजी व स्व वित्तपोषित विद्यालयों व महाविद्यालयों के शिक्षक शिक्षिकाओं व अन्य शिक्षणेत्तर वर्ग को समय से पूर्ववत वेतन व अन्य सुविधाएं सुनिश्चित कराने के लिए शासन स्तर पर एक पारदर्शी व जबाबदेह कमिटी बनाई जाए जो इन विद्यालयों की आय व्यय के साथ साथ वेतन भुगतान आदि पर भी प्रभावी नियंत्रण रख सके। 10 जब तक विद्यालय न खुले तब तक का ट्रांसपोर्ट शुल्क माफ किया जाए।                                            इस मौके पर शशिकान्त बालियान जिला संयोजक, सुधांशु चहल, मोहित राजपूत, हनी अहलावत आदि मौजूद रहे।

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