चांदपुर को आज तक नही मिला स्टेडियम, प्रतिभा तोड़ रही दम

 *चांदपुर को आज तक नही मिला स्टेडियम, प्रतिभा तोड़ रही दम                   


                              आकाश कर्णवाल चांदपुर:-* सरकार खेलों को बढ़ावा देने के लिए कई प्रकार की योजनाएं शुरू की है, लेकिन एक भी खेल मैदान नहीं है जिससे यहा खेलों का आयोजन किया जा सके। ऐसे में युवाओं की खेल प्रतिभा निखरने के बजाय दम तोड़ती नजर आती है।                                                          हालाकि समय-समय पर कस्बे में शिक्षा विभाग या किसी निजी संस्था द्वारा खेलों का आयोजन किया जाता है, लेकिन खेल मैदान के अभाव में मात्र औपचारिकता ही पूरी की जाती है। खिलाड़ी शुभम तोमर, शूटर मान्य मित्तल, बॉक्सर मुस्कान ने कहा कि चांदपुर शहर हो या ग्रामिण क्षेत्र में खेल मैदान के लिए कई उपयुक्तस्थान हैं, लेकिन विभागीय उदासीनता के चलते आज तक खेल मैदान नहीं बन सका है। जबकि कई बार क्षेत्र के जनप्रतिनिधि खेल मैदान के लिए घोषणा भी कर चुके हैं, लेकिन इस पर कोई अमल नहीं हो पाया।  कुछ वर्ष पूर्व शहर के बीचों बीच हिन्दू इंटर कॉलेज का खेल मैदान है वहा स्टेडियम बनाने की मांग हुई थी। लेकिन मैदान पर स्टेडियम का काम आज तक शुरू नही हो पाया है। आलम यह है कि खेल मैदान खेलने योग्य नहीं बन पाया है। मजबूरन खिलाड़ियों को कस्बे के नजदीक जंगल के बीच बने बास्टा रोड पर खाली पड़ी जमीन हो या फिर तहसील के पीछे खेलना पड़ रहा है, जहां सुविधाओं की कमी है। अगर प्रशासन किसी भी मैदान के लिए फंड मुहैया करवाता है तो क्षेत्र को बेहतर खेल मैदान मिल सकता है।                                                             *बोले लोग*                                                           शहर व नगर के लोग  कहते है कि यदि खेल के मैदान ही नहीं होंगे तो खेल कहां होंगे। यही कारण है कि शहर में खेल प्रतिभाए दम तोड़ रही है। जिसके चलते समय समय पर होने वाली सरकारी और निजी खेल प्रतियोगिताओं में शहर से आने वाली टीमों की सहभागिता कम नजर आती है। ग्रामीण क्षेत्रों में खेल के प्रति युवाओं, छात्रों का उत्साह लगभग खत्म ही हो गया है। इतना ही नही उन्होंने बताया कि खेल के लिए मैदान का होना बहुत जरूरी है। हमारे यहां खेलों पर ध्यान ही नहीं दिए जाते। छोटे मैदान बनाकर कबड्डी, वॉलीवाल जैसे खेलों के लिए मैदान तैयार कर खिलाडिय़ों को प्रोत्साहित किया जा सकता है। लेकिन इस प्रकार की सोच का अभाव है।                                                        *आगे बढऩे का नहीं मिल रहा अवसर*                                      

खेल मैदान नहीं होने से खिलाडिय़ों को बड़े स्तर पर अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर नहीं मिल रहा है। इस प्रकार जो युवा खेल में रुचि रखते हैं, वे क्षेत्र में खेल मैदान नहीं होने से अपने खेल की तैयारी नहीं कर पाते और आखिरकार थक हार कर बैठ जाते हैं। इससे क्षेत्र की प्रतिभा कुंठित होकर रह जाती है।                                        *युवाओं के अपने स्तर पर प्रयास*                                

खेल मैदान को लेकर युवाओं ने अपने स्तर पर प्रयास जारी कर रखे हैं, लेकिन उनको कहीं सफलता हासिल होती दिखाई नहीं पड़ रही। खेल मैदान को लेकर समय-समय पर युवाओं ने आवाज उठाई और जनप्रतिनिधि व प्रशासनिक अधिकारियों से इसकी मांग की, लेकिन हमेशा आश्वासन मिला ही मिला है।                                                   *खेतों में अभ्यास करते हैं खिलाड़ी*                             

गांव व शहर के आसपास के खिलाड़ी मैदान के अभाव में खेतों में अभ्यास करते हैं। जब खेत खाली हो जाते हैं तब खिलाड़ी उसे मैदान का आकार स्वयं देते हैं और जब तक खेतों में किसान बुआई नहीं करते है तब तक उसमें फुटबॉल, क्रिकेट, कब्बडी,  वॉलीबाल आदि खेल खेलते हैं।।                                                                            *दो साल बाद भी नही बना स्टेडियम*                                                         6 मई 2018 को भाजपा विधायक कमलेश सैनी द्वारा दिया गया बयान के अनुसार कहा कि चांदपुर में स्टेडियम बनाने के प्रयास शुरू हो गए हैं। स्टेडियम के लिए भूमि हिंदू इंटर कॉलेज के खेल मैदान के रूप में देने की स्वीकृति कॉलेज प्रशासन ने दे दी है। इस साल के अंत तक स्टेडियम बनाने का काम शुरू हो जाएगा। इसके निर्माण में धन की कमी नहीं आने दी जाएगी। लेकिन आज 2020 तक चांदपुर के खिलाड़ियों को कोई स्टेडियम मुहैया नही हो पाया है।                                                                        *किसी विद्यालय के पास खेल मैदान है तो लेनी होती है अनुमती*                                                                     खेलो को लेकर युवाओं में प्रतिभा देखने को मिल रही है लेकिन चांदपुर में को स्टेडियम न होने से भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसके बाद विद्यालय फादर सन पब्लिक स्कूल व नवोदय विद्यालय के पास खेल मैदान है लेकिन खेलने के लिए अनुमति लेनी होती है।                                                                                     *बोली विधायक*                                                                    चांदपुर विधानसभा भाजपा विधायक कमलेश सैनी जी ने बताया कि जिला एक्जीक्यूटिव कमेटी के तहत खेल अधिकारियों से वार्ता कर प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया। जल्द ही शहर को स्टेडियम सौगात मिलेगी।

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