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बम बम भोलेनाथ

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 बम बम भोलेनाथ ------------------------ भोले भंडारी तेरी महिमा अपार है तेरे मंदिर मेंं हो रही जय जयकार है, माथे चंद्र सुशोभित होये गले सर्प की माला है, जटा मैं माँ गंगा की धारा कमर में बाघंबर लिपटा अंग भस्म कमाल है। जहां तुम्हारे मंदिर  होये नंदी वहां पहरेदार हैं, झांझर, शंख,मजीरा बाजे बहुतै होत धमाल है। तुम्हरे दर्शन पाने खातिर  दूर दराज से आते भक्त, तेरी महिमा बड़ी निराली तू बहुत ही अपरंपार है। भांग धतूरा, बेलपत्र संग दूध होत अर्पण तुझको, हम तो श्रद्धा से शीष नवाते शिवशंकर ओंकारेश्वर तुझको। मस्त मलंग हे औघड़दानी तेरी महिमा कोउ न जाने, शीष झुकाकर हम कहते हैंं जय भोले, जय शिवशंकर। द्वार तुम्हारे भक्तों को मेला लगता है निशदिन, गुंजायमान होता है चहुंदिश ऊँ नम: शिवाय, बम बम भोलेनाथ।  सुधीर श्रीवास्तव गोण्डा, उ.प्र. 8115285921

पर्व शिव कीर्तन का

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 पर्व शिव कीर्तन का मेरे मन में भाव उठा अब, बाबा शिव के कीर्तन का। महापर्व शिवरात्रि सुहावन शिवशंकर के अर्चन का। इस दिन भोले बनते दूल्हा, करके वह पुष्प श्रृंगार। झूमें नाचे तब भक्त सभी , खुशी मनाते हैं अपार। प्रेम मगन होकर उर आता, मधुर भाव  शिव नर्तन का। महापर्व शिवरात्रि सुहावन शिवशंकर के अर्चन का। गौरा माता बनती दुल्हन, करती शुभ प्रेम श्रृंगार। आँखों में शिव की छवि होती, सत उर में  उमड़ता प्यार। भाव उठे शिव बारात सदा, प्रभु नील पुष्प वर्षण का। महापर्व शिवरात्रि सुहावन शिवशंकर के अर्चन का। भाँग धतूरा सेवन करते, नित भूत प्रेत गण सारे। भाँग मधुर पीसें गौरा जब, पीते तब  भोले प्यारे। भोले की करती नित सेवा , रखें मान माँ कंकन का। महापर्व शिवरात्रि सुहावन शिवशंकर के अर्चन का। ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम